पटना: बिहार की ताजी सब्जियों का स्वाद अब खाड़ी देशों के लोग चख सकेंगे। पटना एयरपोर्ट से फल-सब्जी निर्यात का नया रास्ता खुलेगा। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग ने निर्यात शुरू करने के लिए हरी झंडी दे दी है। अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस कंपनियों ने पटना से खाड़ी देशों में निर्यात शुरू करने में रुचि दिखाते हुए अनुमति मांगी है।
जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पटना से इसी वर्ष लीची निर्यात करना था। एयर कार्गो के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी को कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण स्थापित करने थे, जो नहीं हो सके। बिहार से अब तक नेपाल और बांग्लादेश तक ही निर्यात किया जा रहा है। पटना एयरपोर्ट कार्गो से खाड़ी देशों में फल-सब्जी निर्यात का रास्ता जल्द खुल जाएगा।
खाड़ी देशों से महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्रप्रदेश की अपेक्षा बिहार की फल-सब्जी की मांग ज्यादा है। केंद्र सरकार ने राज्य के कृषि विभाग को इस बात से अवगत कराया है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग से पटना एयर कार्गो के लिए अनुमति दे दी है। जिन अंतर्राष्ट्रीय विमानन कंपनियों ने खाड़ी देशों में फल-सब्जी निर्यात करने के लिए रुचि दिखाते हुए सीमा शुल्क विभाग से अनुमति मांगी है उन्हें बांड भरने को कहा गया है। विमानन कंपनियां बांड देने को तैयार हैं। योजना है कि पटना एयरपोर्ट से फल-सब्जी घरेलू विमान से दिल्ली और मुंबई जाएंगे। दोनों जगहों से खाड़ी देशों की कनेक्टिंग फ्लाइट से बिहार के फल-सब्जी भेजी जाएगी।
किसान और विमान को फायदा
एयर कार्गो चालू होने के बाद बिहार के खेतों में सालो भर पैदा होने वाली सब्जियों में कद्दू, करैला, भिंड़ी, बैगन के अलावा मौसम के अनुसार धनिया पत्ता, मूली, गाजर, टमाटर, खीरा, पालक, लाल साग, सहजन, हरा चना, भुट्टा, मटर, पुदीना, आलू, प्याज और पपीता खाड़ी देशों में बिक्री के लिए भेजा जाएगा। मौसमी फलों में आम और लीची कम समय में विदेशी बाजार पहुंच जाएंगे। किसानों को कीमत और विमानों में खाली जगह का किराया मिलेगा।
बिहार से सबसे ज्यादा निर्यात नेपाल को होता है। खाड़ी देशों से आने वाले लोग जरूरत का माल लेकर पटना आते हैं लेकिन बिहार से निर्यात सुविधा नहीं होने से एयरक्राफ्ट में लगेज स्पेस खाली जाता है। एयर कार्गो से खाड़ी देशों में निर्यात शुरू करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाने की जिम्मेदारी दी गई है।
विनायक चंद्र गुप्ता,
आयुक्त, केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क।
Source: Dainik Jagran