पटना : दिसंबर से पटना नो पावर कट जोन बनेगा। यानी, पटना को सप्लाई देने वाले ग्रिडों को निर्बाध बिजली मिलेगी। इसके लिए पावरग्रिड के गौरीचक ग्रिड उपकेंद्र में 500 एमवीए का अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा। इस काम को दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। यह निर्णय केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और बिहार के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव की बीच हुई बैठक में लिया गया। इस ग्रिड उपकेंद्र में अभी 500 एमवीए का एक और 315 एमवीए का एक पावर ट्रांसफार्मर है। इससे 650 मेगावाट बिजली सप्लाई होती है। किसी एक पावर ट्रांसफार्मर में तकनीकी गड़बड़ी आने के साथ ही इसका सीधा असर राजधानी की बिजली सप्लाई पर पड़ता है।
अतिरिक्त 500 एमवीए का पावर ट्रांसफार्मर लगने के बाद बिजली सप्लाई की क्षमता 400 मेगावाट बढ़ जाएगी। किसी एक पावर ट्रांसफार्मर में तकनीकी गड़बड़ी आने के बाद ही राजधानी की बिजली सप्लाई बाधित नहीं होगी। अभी तक तकनीकी खराबी आने के बाद कम बिजली सप्लाई होने की स्थिति में खगौल ग्रिड को आरा से बिजली सप्लाई लेनी पड़ती है।
बीएसपीटीसीएल को मिलती है सप्लाई :
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के गौरीचक ग्रिड से 132 केवी ट्रांसमिशन लाइन के जरिए करबिगहिया, मीठापुर और जक्कनपुर को बिजली सप्लाई दी जाती है। खगौल ग्रिड से खगौल ग्रिड उपकेंद्र और दीघा ग्रिड उपकेंद्र को बिजली सप्लाई दी जाती है। फतुहा ग्रिड से गायघाट ग्रिड को बिजली मिलती है। इन सभी ग्रिड उपकेंद्र से 33 केवी फीडर के जरिए राजधानी के सभी 51 पावर सब स्टेशनों को बिजली सप्लाई होती है। इन पावर सब स्टेशनों से 4 लाख 50 हजार उपभोक्ताओं यानी 20 लाख की आबादी को बिजली सप्लाई मुहैया की जाती है।