सुप्रीम कोर्ट ने पुरी के जगन्नाथ मंदिर में तीन अक्टूबर को श्रद्धालुओं के लिए लाइन लगाकर परिसर में प्रवेश करने के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए निर्देश दिया है कि कोई भी पुलिसकर्मी हथियार लेकर और जूते पहनकर मंदिर के परिसर में नहीं प्रवेश करें. सुनवाई के दौरान ओडिशा सरकार ने जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया कि उस हिंसा के संबंध में 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
सुनवाई के दौरान ओडिशा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मंदिर के परिसर में कोई हिंसा नहीं हुई. उस हिंसा में जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के कार्यालय पर हमला किया गया. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि घटना के दिन पुलिसकर्मी हथियार और जूते के साथ मंदिर में घुस गए थे. तीन अक्टूबर को श्री जगन्नाथ सेना ने जगन्नाथ मंदिर में लाइन लगाकर प्रवेश करने के खिलाफ बंद का आह्वान किया था, जिसमें नौ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. बंद उस वक्त हिंसक हो गया जब जब कुछ लोगों का हुजूम मंदिर में घुस गया और बैरिकेड तोड़ दिए और मंदिर प्रशासन के दफ्तर को नुकसान पहुंचाया. मंदिर प्रशासन के मुताबिक लाइन लगाने के लिए मंदिर में घुसने देने का फैसला प्रायोगिक तौर पर लिया गया था.