पटना : बहुप्रतिक्षित बिहार म्यूजियम के इतिहास दीर्घाओं और अन्य दीर्घाओं का उदघाटन आज यानि 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) के दिन होगा . इस म्यूजियम का उद्घघाटन पूर्व में ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर चुके हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर के इस संग्रहालय कई मायनों में अनूठा और आकर्षक है.600 करोड़ से ज्यादा की लागत से बनकर तैयार हुआ यह म्यूजियम बिहार की पहचान बनने वाला है. सीएम नीतीश का यह ड्रीम प्रोजेक्ट कई मायनों में खास है.
बिहार का नया म्यूजियम राज्य के लोगों के लिए बनकर तैयार है. बहुप्रतिक्षित इस म्यूजियम भव्यता और जानकारियों के मामले में बेहद खास है. इस म्यूजियम में जहां एक ओर बिहार में मिले हजारों साल पुराने कलाकृतियां देखने को मिलेंगी, वही भारतीय इतिहास से सम्बंधित कई ऐसी जानकारियां होंगी जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी.
म्यूजियम में कई दीर्घा बनाए गए हैं, जहां छात्र और विशेषज्ञ अध्ध्यन और रिसर्च कर सकेंगे. इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसका अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होना. म्यूजियम का हर दीर्घा अपने आप में खास है. हरियाली इसकी खूबसूरती में और चार चांद लगा रही है. इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि कि सिर्फ बिल्डिंग बनकर ना रह जाए.
चंद्रगुप्त मौर्य का सिंहासन लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है. म्यूजियम घूमने वाला हर शख्स एक बार जरूर सिंहासन पर बैठना चाहेगा. बच्चों का भी खास ध्यान रखा गया है. बाल दीर्घा में बनी कलाकृतियां ना सिर्फ बच्चों को आकर्षित करेगी, बल्कि उनका ज्ञानवर्धन होगा. जानवरों की कलाकृतियां मानो सजीव लगती है.
म्यूजियम की खासियत यह भी है कि यहां सुरक्षा गार्ड के रूप में महिलाओं को तरजीह दी गई है. बिहार म्यूसियम में वो सारी खूबियां हैं जो लोगों को बार-बार अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए मजबूर करती है.