नीतीश का लालू पर तंज- मैं उम्र में भले छोटा हूं,राजनीति करनी मुझे आती है

राजनीति

जदयू सांसद व विधायकों की बैठक में नीतीश कुमार ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि मेरे बारे में कहा जा रहा है कि मैंने राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद का समर्थन करके ऐतिहासिक भूल की है।

लालू प्रसाद का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि उम्र में भले ही मैं छोटा हूं, लेकिन राजनीति करनी मुझे आती है। सही गलत का निर्णय ले सकता हूं।
जदयू ने राजद की मुश्किल बढ़ाते हुए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को खुद को जनता की अदालत में पाक-साफ साबित करने को कहा है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी घर 1, अणे मार्ग में पार्टी की राज्य कार्यकारिणी, विधानमंडल दल, जिलाध्यक्षों तथा विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्षों की बैठक हुई।
इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति जदयू की यूएसपी है। इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जिन लोगों पर सीबीआई ने आरोप लगाए हैं वे जनता के सामने पूरे तथ्यों के साथ सफाई दे। हमारी पार्टी कुर्बानी देना जानती है।
जदयू के नेतृत्व में चलने वाली सरकार में ऐसे उदाहरण मौजूद है कि पार्टी ने राजनैतिक शुचिता की रक्षा के लिए निर्णय लिए गए हैं। जीतन राम मांझी, रामाधार सिंह, अवधेश कुशवाहा और रामानंद सिंह का मामला आया तो मैंने उनसे बुला कर बात की और इस्तीफा देने को कह दिया था।
आज हमसे उम्मीद करते हैं कि हम आकर उनलोगों के आरोपों का जवाब दें। पर क्यों? जिन पर आरोप लगा है वे खुद जनता के सामने आकर अपने-आप को बेदाग साबित करें।
भ्रष्टाचार अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की जो लाइन हमने खींची है, उससे पीछे नहीं हट सकते। राजनैतिक कुर्बानियों की बुनियाद पर राजनैतिक चुनौतियों का सामना करने का जदयू का रिकॉर्ड रहा है।
नीतीश ने कहा कि हमारी पार्टी पॉलिटिक्स विद डिफरेंस के लिए जानी जाती है। बिहार की जनता और पूरा देश इस बात को जानता है कि अपराध और भ्रष्टाचार के मामले में हमारी परम्परा क्या रही है? हमारा महागठबंधन अटूट है। पार्टी गठबंधन धर्म का पालन करना भी जानती है।
लेकिन परिस्थिति आते-जाते और बनते-बिगड़ते रहती है। अगर आरोपों में दम हुआ तो फिर हम भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करेंगे। हमें फैसला लेना पड़ेगा। राजद की ओर से अभी तक जो बातें उनकी ओर से कही जा रही हैं वह उनके समर्थकों को खुश कर सकती हैं, आम व्यक्ति का भरोसा नहीं जीत पा रही हैं। इस प्रकार सरकार की छवि पर असर पड़ रहा है। सीबीआई के एफआईआर पर सीएम ने स्थिति स्पष्ट करने की बात कही।
नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने हमेशा सिद्धांतों की राजनीति की है। कभी भी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। जब मैं रेलमंत्री था, तब भी जब मुझ पर आरोप लगे तो मैंने इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री के पद को भी मैंने एक झटके में छोड़ दिया। चाहे मैं केंद्र में था या जब मैं राज्य में हूं, पद की कभी लालसा नहीं रही। पद मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता है।
पार्टी ने साफ किया, नहीं करेंगे सिद्धांत से समझौता
जदयू की बैठक के बाद पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस किया। उन्होंने साफ किया कि जदयू अपने सिद्धांतो से समझौता नहीं करेगा। जिन पर आरोप लगे हैं उन्हें जनता और मीडिया के सामने तथ्यों के साथ आने की जरूरत है। नीरज ने कहा कि हमने हमेशा गठबंधन धर्म को निभाया है और मरते दम तक ये धर्म निभायेंगे।
अब आरोपी को अपना पक्ष स्पष्ट करने की जरूरत है। उनका निशाना सीधे-सीधे तेजस्वी यादव पर था। प्रवक्ता ने मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। हालांकि, जदयू ने अपनी अलग राह के संकेत जरूर दे दिए हैं। जदयू ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की अपनी इमेज बरकरार रखते हुए तेजस्वी पर इस्तीफा का दबाव बढ़ा दिया।
गेंद, इस रूप में लालू प्रसाद के पाले में डाल दी कि लालू इस मामले में खुद पहल करें और तेजस्वी से इस्तीफा कराएं। पार्टी ने इशारों में साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार की अपराध और भ्रष्टाचार से समझौता करने के सिद्धांत से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पार्टी मुख्यमंत्री की इस छवि पर किसी तरह की आंच नहीं आने देना चाहती है।

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