गया जी में सालों भर पिंडदान का विधान है, लेकिन पितृपक्ष में पिंडदान का विशेष महत्व बताया गया है. गया में देश विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं और अपने पूर्वजों का पिंडदान करते हैं. कहा जाता है गया में पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस बार पितृपक्ष की शुरुआत 28 सितंबर से हो रही है जो 14 अक्टूबर तक चलेगी. अन्य दिनों के तुलना में पितृपक्ष में श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ होती है. इस बार 15 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.
देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए वैसे तो यहां कई होटल मौजूद है, लेकिन इतने लोगों के लिए यह कम पड़ जाती है. जिला प्रशासन के स्तर से भी श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए व्यवस्था की जाती है. टेंट सिटी के अलावा कई स्कूलों को चयनित किया जाता है जहां पर श्रद्धालुओं को रखा जाता है. पितृ पक्ष के दौरान होटल में मारामारी रहती है. श्रद्धालुओं को अधिक कीमत चुकाने पड़ते हैं. लेकिन अब देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को होटल में अधिक पैसे चुकाने की जरूरत नहीं होगी.
बनेगा 1180 बेड का चार मंजिला गयाजी धाम धर्मशाला
बिहार सरकार के द्वारा गया शहर के गोदावरी स्थित कोलरा अस्पताल के पास 1180 बेड का चार मंजिला गयाजी धाम धर्मशाला बनाने को लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव पास हो गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसका शिलान्यास करेंगे. गयाजी धाम धर्मशाला के निर्माण में 120 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे. यह धर्मशाला पूरी तरह से हाईटेक और अत्याधुनिक सुविधा से लैस होगा और श्रद्धालुओं को हर तरह की सुविधा यहां मिलेगी.
पर्यटन विभाग बनाएगा धर्मशाला
इस संबंध में जानकारी देते हुए गया के डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने बताया कि 1180 बेड का धर्मशाला पर्यटन विभाग के द्वारा बनाया जाएगा. जिला प्रशासन के द्वारा जमीन चिन्हित कर उन्हें सौंप दी गई है. 4.38 एकड़ में धर्मशाला का निर्माण किया जाएगा. इसमें देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी. 8 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस धर्मशाला का शिलान्यास करेंगे उसके बाद तेजी से काम शुरू की जाएगी.