आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। टाइम्स नाउ में प्रकाशित खबर के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विकास के नाम पर पीएम नरेंद्र मोदी का साथ देते हुए भाजपा में शामिल होने की सम्भावना है।
17 साल तक राजग गठबंधन में रह चुके नीतीश कुमार ने 2013 में पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी का नाम आने के बाद एनडीए से अपना नाता तोड़ लिया था। जदयू के कई वरिष्ठ नेता का कहना है कि राजद और कांग्रेस के कारण बिहार में विकास कार्य बाधित हो रहा है।
माना जा रहा है कि राजद के साथ हुए गठबंधन से जदयू के कई वरिष्ठ नेता खुश नहीं है। अगर नेताओं के ताजा बयानों की बात की जाए तो जदयू नेता आलोक वर्मा ने यह कहा था की अधिकांश मंत्री पद कांग्रेस और राजद के नेताओं के पास है और इसके बावजूद उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाता है।
इस बात की अभी औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है कि नीतीश कुमार भाजपा में कब शामिल हो रहे हैं। नीतीश कुमार ने नोटबंदी पर पीएम मोदी का साथ ही जनता को लाभ पहुंचानी वाली तमाम योजनाओं के लिए मोदी को धन्यवाद दिया था। उसके बाद उत्तर प्रदेश चुनाव में जीत के बाद भी नीतीश कुमार ने भाजपा को जीत पर ये कहते हुए कि गरीब जनता ने बीजेपी का साथ दिया, और भाजपा को बधाई दी। नितीश कुमार ने ‘सिर्फ विरोध करने के लिए अच्छी बातों को विरोध नहीं होना चाहिए’ कहकर विपक्षी दलों पर वार किया था।