Nitish कुमार की कोशिश यह है कि NDA में टूट न हो और तमाम सहयोगी एकजुट रहे हैं
एनडीए-3 में Nitish कुमार बदले-बदले राजनेता के रूप में दिख रहे हैं। Nitish कुमार अपने ईगो और जिद को त्यागकर एनडीए को एकजुट रखने में जुटे हैं। तमाम गिले-शिकवे को भूल नीतीश अपने तथाकथित दुश्मनों को भी गले लगाने से अब परहेज नहीं कर रहे हैं।
नरेंद्र मोदी और Nitish कुमार 2019 की तैयारियों में जुट गए हैं। नीतीश कुमार की NDA में वापसी को लेकर अमित शाह की टीम को इस बात को लेकर शंका था कि कुछ गठबंधन के साथी नीतीश कुमार के साथ अदावत के चलते साथ छोड़ सकते हैं।
अमित शाह ने बिहार में NDA को एकजुट रखने का जिम्मा Nitish कुमार को सौंपा है। नीतीश कुमार ने भी शाह के प्लान के मुताबिक बिहार में NDA को एकजुट रखने की कवायद को अमली जामा पहना रहे हैं। अमित शाह की चिंता इस बात को लेकर थी कि नीतीश कुमार अगर एनडीए में आते हैं तो उनके कुछ सहयोगी नाराज होकर साथ छोड़ सकते हैं।
मिसाल के तौर पर उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी को लेकर भाजपा नेताओं के मन में शंकाएं थी। लोक जनशक्ति पार्टी से बिहार में मंत्री बनाए जाने पर जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा इस लिये नाराज हुए थे कि उनकी पार्टी से किसी भी नेता को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। दोनों नेताओं ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने को लेकर शिकायत की।
अमित शाह ने जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करिए मैं उनसे बात कर लेता हूं। शाह के पहल पर पहले तो नीतीश कुमार के धुर विरोधी माने जाने वाले जीतनराम मांझी एक अणे मार्ग पहुंचे और नीतीश कुमार से मुलाकात कर सबको चौंका दिया। उसके बाद उपेंद्र कुशवाहा ने भी नीतीश कुमार से मिलकर रिश्तों में गर्माहट लाने की कोशिश की।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा Nitish कुमार पर करारा हमला बोलते रहे हैं। बावजूद इसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तमाम गिले-शिकवे भुलाकर दोनों नेताओं के साथ गर्मजोशी से मिले।
माना जा रहा है कि हम और रालोसपा पार्टी को भी सरकार में जगह देने पर बातचीत हुई है। दुश्मनों से दुश्मनागत छोड़कर दोस्ती की राह पर चलने को तैयार नीतीश कुमार मिशन 2019 की तैयारी में जुट गए हैं। Nitish कुमार की कोशिश यह है कि NDA में टूट न हो और तमाम सहयोगी एकजुट रहे हैं।
पूरे मामले पर जदयू के नेता तो कुछ बोलने को राजी नहीं है पर भाजपा प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने कहा कि वक्त का तकाजा है कि सबको साथ लेकर चला जाए। यादव ने कहा कि पहले राजनीति मूल्यों और सिद्धांतों के आधार पर चलता था अब रिश्तों के आधार पर भी चल रहा है हम मुख्यमंत्री के कदम का स्वागत करते हैं।