हमारा समाज अब महिलाओं के लिए खुल कर सामने आया है , हम सभी महिलाओं को और आगे बढाने में लगे हैं और हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए क्योंकि हमारा मकसद सबको बराबर करने का है और भेदभाव खत्म करने का है ।हमारे समाज मे सालों से एक प्रथा (दहेज प्रथा ) चली आ रही है जो कहीं ना कहीं हमारी या हमारे समाज की एक कमजोर कड़ी को दर्शाता है ।
आखिर दहेज की क्या जरूरत है ,जब पिता अपनी बेटी या कोई भाई आपको अपनी बहन दे रहें तो फिर दहेज की क्या जरूरत है ? हम शादी करते है और हम अपने होने वाली जीवनसाथी से दहेज लेते, क्या हमारे लिए हमारे जीवनसाथी से ज्यादा हमें पैसे से लगाव है ?
शादी एक पवित्र बंधन जिसमें दिल जुड़ने चाहिए ,ना कि पैसे के बल पर किया हुआ समझौता ,जिसमें पैसे के बल आप ऊपरी दिखावा कर लेंगे , लेकिन आपके दिलों का कभी भी मेल नहीं होगा । दहेज देकर या लेकर आप बस कुछ पल की खुशी पाना चाहते हैं और वह खुशी भी बनावटी होती है ।
जो लोग दहेज लेते हैं मै उनसे कहना चाहता हूँ कि अगर आप को लड़की पसंद आज जाती है तो फिर दहेज की क्या जरूरत है ?
क्या आप जानते हैं कि आप जैसे लोगो की वहज कितनी बच्चों को जन्म के समय ही मार दिया जाता है , क्योंकि उनके माता पिता को ऐसा लगता है कि उनकी बेटी के वजह से उन्हें आगे जा कर बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा ,यह सोचकर कर ही आधे लोग बेटीओं को जन्म लेते ही मार देते हैं क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि बेटी को पालना एक बोझ होता है ।
इन मौत के कारणों मे किसी ना किसी तरह से हर वह दहेज लेने वाले लोग भी जिम्मेदार है ,इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं कि दहेज ना ही ले तो हमारे समाज के लिए बेहतर होगा ।
कभी शांति से बैठकर मेरे इन बातों को जरूर सोचिएगा ,क्या पता शायद दहेज के प्रति आपका नजरिया बदल जाए ।और जहां तक शादी में खर्च का सवाल है तो सब को मिलजुल करना चाहिए क्योंकि शादी के बाद आप सभी एक परिवार बन जाते और ऐसे मे मन में कोई भी बेकार बातें नहीं होनी चाहिए ।
अंत में मैं यही कहूंगा कि मैं माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस कदम के साथ हूँ और आशा करता हूँ कि आपका भी पूरा समर्थन हमें मिलेगा ।
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धन्यवाद
– शिवम् कुमार