राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने शुक्रवार को नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि सचिवालय सहायक पद के परीक्षार्थियों और शिक्षक अभ्यर्थियों में व्याप्त रोष के डर से नीतीश कुमार की यात्रा के दौरान चंपारण में सैकड़ों युवाओं को हाउस-अरेस्ट रखा गया। क्या युवाओं को घरों में नजरबंद करना समस्या का समाधान है?
मोदी ने कहा कि राजधानी में परीक्षार्थियों पर लाठीचार्ज को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह जायज ठहरा रहे हैं और घटना के 48 घंटे बाद मुख्यमंत्री और गृह विभाग के मंत्री नीतीश कुमार कह रहे हैं कि उन्हें लाठीचार्ज की जानकारी ही नहीं।
उन्होंने कहा कि ललन सिंह का ऐसा बयान संवेदनहीनता का सूचक है और मुख्यमंत्री को घटना की जानकारी न होना चिंता की बात है। मोदी ने कहा कि लाठीचार्ज पर या तो मुख्यमंत्री अनभिज्ञता का नाटक कर रहे हैं या अफसर उन्हें गुमराह कर रहे हैं। ये दोनों बातें चिंताजनक हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि पहले बीपीएससी का पर्चा लीक हुआ और आठ साल बाद जब सचिवालय सहायक पद के लिए परीक्षा हुई, तो इसके भी प्रश्नपत्र सार्वजानिक हो गए। इससे नौ लाख परीक्षार्थियों में असंतोष होना स्वाभाविक है। उनकी उम्र बढ़ रही है।
बिहार में बार-बार पर्चे क्यों लीक हो रहे हैं? परीक्षार्थी अब यदि पूरी परीक्षा रद करने की मांग कर रहे हैं, तो सरकार इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न क्यों बना रही है? उन्होंने कहा कि रेलवे की परीक्षा में डेढ़ करोड़ परीक्षार्थी बैठते हैं, लेकिन न कभी पर्चा लीक हुआ, न धांधली की शिकायत मिली।
इससे पहले सुशील मोदी ने गुरुवार को नीतीश की समाधान यात्रा को लेकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार जनता के विरोध प्रकट करने के डर से उनसे दूर केवल अफसरों से बंद कमरों में बात करेंगे। नीतीश को तो बस अपने करोड़ों के जेट प्लेन का इंतजार है।
उन्होंने कहा कि नीतीश विधानसभा के बजट सत्र के बाद देश की यात्रा पर निकलने के लिए 300 करोड़ रुपये के 12-सीटर जेट विमान का इंतजार कर रहे हैं। यह विमान बिहार जैसे गरीब राज्य के पैसे से खरीदा जाना है। मोदी ने कहा कि जब नीतीश कुमार को कोई नेता मान ही नहीं रहा है, कोई राज्य उन्हें बुला नहीं रहा है, तब वे जेट विमान से जाएंगे कहां?