नीतीश की क्रेडिबिलिटी पर सवाल! नहीं दे पाएंगे PM मोदी को शिकस्त, कांग्रेस के इस बड़े नेता ने बताए कारण

राजनीति

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) विपक्षी एकता को एकजुट करने में लगे हैं. अलग-अलग राज्यों के सीएम से वह मिल रहे हैं ताकि बीजेपी को 2024 में हराया जा सके. नीतीश कुमार अपने इस मुहिम में कितना सफल हो पाएंगे इसका पता नहीं, लेकिन कांग्रेस की पार्टी लाइन से हटकर बात करने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) ने बिहार के मुख्यमंत्री को लेकर बड़ी भविष्यवाणी कर दी है.

कभी प्रियंका गांधी को बतौर प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट करने तो कभी सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने की पैरवी करने के लिए सुर्खियों में बने ही रहते हैं. अब उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को लेकर बहुत कुछ कहा है. एबीपी लाइव से आचार्य प्रमोद कृष्णम ने खास बातचीत की है. कई सवालों का जवाब उन्होंने बेबाकी से दिया है.

क्षेत्रीय दल नरेंद्र मोदी को नहीं रोक सकते

इस सवाल पर कि विपक्ष में तो अरविंद केजरीवाल और नीतीश कुमार भी प्रधानमंत्री के चेहरे हैं. क्या आप इन्हें सशक्त मानते हैं? इस पर जवाब देते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि क्षेत्रीय दल नरेंद्र मोदी को नहीं रोक सकते. भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर नहीं कर सकते. जब राज्य का चुनाव होता है तो राज्य की जनता की सोच अलग होती है. राष्ट्र के चुनाव में जनता की राष्ट्र उम्मीद होती है क्योंकि हर देश का सवाल होता है. नरेंद्र मोदी के सामने क्षेत्रीय दल का कोई नेता आगे आए, तो ठीक नहीं होगा. इससे शिकस्त मिलेगी.

हर पार्टी चाहती है कि उनके नेता को उम्मीदवार बनाया जाए

क्या आपको लगता है नीतीश कुमार के प्रयास सफल होंगे? क्या उनके प्रयास सही दिशा में जा रहे हैं? इस पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि नीतीश कुमार वरिष्ठ नेता हैं. राष्ट्रीय राजनीति में उनका उनकी भूमिका रही है, लेकिन उनकी विश्वसनीयता पर सवाल है. वे कई बार नरेंद्र मोदी के साथ थे तो अब खिलाफ हैं. कभी लालू प्रसाद यादव के साथ रहे तो कभी लालू प्रसाद के खिलाफ. नरेंद्र मोदी के सामने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के लिए हर पार्टी चाहती है कि उनके नेता को भी उम्मीदवार बनाया जाए.

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि समाजवादी पार्टी चाहेगी अखिलेश यादव को पीएम उम्मीदवार बनाया जाए. टीएमसी चाहेगी कि ममता बनर्जी को पीएम उम्मीदवार बनाया जाए. क्षेत्रीय दल अपने नेता को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं. लोकतंत्र में उनका यह अधिकार है, लेकिन प्रधानमंत्री पार्टियां नहीं बनाती. देश की जनता बनाती है. इसलिए जनता को जो चेहरा अच्छा लगता है, जनता उसे वोट देती है. ऐसे में नीतीश कुमार की जो बात है, उनकी विश्वसनीयता पर सवाल है. वे छोटे नेता नहीं हैं, लेकिन उन पर लोगों को यकीन नहीं है. अगर ऐसा व्यक्ति प्रधानमंत्री उम्मीदवार बने, जिसकी विश्वसनीयता पर सवाल हो वह नरेंद्र मोदी को शिकस्त कैसे देगा?

एक सवाल पर कि क्या आपको लगता है कि वे यह कैंपेन बेवजह चला रहे हैं? इस पर कहा कि यह विपक्ष की बेवकूफी है. विपक्ष के नेताओं को यह समझाना चाहिए कि नरेंद्र मोदी लोकप्रिय नेता हैं. मुझे तो नरेंद्र मोदी के सामने सिर्फ और सिर्फ प्रियंका गांधी का ही चेहरा नजर आता है.

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