हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद नीतीश सरकार ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड का 5 साल बाद किया गठन, ये हैं सदस्य

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पटना: बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन कर लिया गया है। पूर्व विधि सचिव अखिलेश कुमार जैन इसके अध्यक्ष बनाए गए हैं। बोर्ड में दस सदस्य नामित किए गए हैं। न्यास बोर्ड मार्च 2016 से विघटित था। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद राज्य सरकार ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड का पूर्णरूपेण गठन किया है। 

बोर्ड का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। बिहार हिन्दू धार्मिक न्यास अधिनियम 1950 की धारा 8(1) (4) के तहत गठन की अधिसूचना जारी कर दी गई है, जो तत्काल प्रभाव से लागू होगी। इस बात की जानकारी सोमवार को अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ को दी।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि पूर्व विधि सचिव अखिलेश कुमार जैन की अध्यक्षता में गठित बोर्ड में बिहार विधानसभा सदस्य हरिभूषण ठाकुर बचौल, बिहार विधान परिषद सदस्य नीरज कुमार, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. कालिका दत्त झा, बड़ी पटनदेवी के पुजारी विजय गिरी, सीतामढ़ी के बगही मठ के महंत शुकदेव दास जी, गया विष्णुपद मंदिर के चंदन कुमार सिंह देवचौरा, बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य डॉ. रणवीर नंदन, बिहार विधानसभा के सदस्य रत्नेश सदा तथा पटना हाईकोर्ट के सीनियर वकील गणपति त्रिवेदी को रखा गया है। 

विष्णुपद मंदिर मामले की सुनवाई 19 को
गया के विश्वप्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर की बदहाली को लेकर गौरव कुमार सिंह की ओर से एक लोकहित याचिका पटना हाईकोर्ट में दायर की गई है। इसी मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन कर लिया गया है।

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने सरकार को धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन करने की बात कही थी। कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के दौरान आवेदक के वकील सुमित कुमार सिंह, बोर्ड के वकील गणपति त्रिवेदी तथा सरकारी वकील अंजनी कुमार के कार्य और प्रयास की सराहना की। साथ ही अंतिम आदेश जारी करने के लिए 19 जनवरी की तारीख तय की। 

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