देश में ट्रक ड्राइवरों के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय का ये कदम बहुत राहत देनेवाला हो सकता है, जो कड़ी गर्मी, जाड़े और बरसात के दिनों में रोजाना करीब 12 घंटे ड्राइविंग सीट पर बिताते हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 2025 से सभी ट्रकों के केबिनों को अनिवार्य रूप से वातानुकूलित (AC) करने का आदेश दिया है.
जाहिर है इसकी शुरुआत होने के बाद ट्रक ड्राइवरों को बहुत आराम मिलेगा जो पसीने से लथपथ होने के बावजूद ट्रक चलाते रहते हैं. ट्रक ड्राइवरों के काम करने के कठिन हालात और सड़क पर लंबे समय तक लगातार ड्राइविंग की थकान को सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण बताया जाता है. इस पर पूर्णिया के ट्रक ड्राइवर से जब प्रतिक्रिया ली गई तो ये बातें सामने आई हैं.
50-50 राय
ट्रक चालक अनिल कुमार कहते हैं कि सड़क परिवहन मंत्रालय के इस फैसले से बहुत ट्रक चालकों को खुशी है, तो कई चालक को ये फैसला पसंद नहीं. उन्होंने कहा हम ट्रक चालक को भीषण गर्मी में लंबे सफर तय करने पर पसीने से लथपथ होते हैं. ऐसी स्थिति में ट्रक चलाने में भी परेशानी होती है. हालांकि ट्रक चालक अनिल कुमार कहते हैं कि सरकार ने तो 2025 तक का समय दिया. लेकिन सरकार को इस फैसले को जल्द से जल्द लागू करना चाहिए. जिससे हम सभी ट्रक चालक को राहत होगी. ट्रक चालकों के हित में किए गए इस फैसले से सभी ट्रक चालकों ने सरकार को धन्यवाद दिया.\
सेहत पर पड़ेगा असर
बिहार के बांका जिला के पुराने ट्रक चालक विलाश कुमार कहते हैं कि ट्रक कैबिन में एसी लगाने का फैसला गलत है. उन्होंने कहा कि हम सभी ट्रक चालकों को मौसम के मुताबिक जीने की आदत है. हमलोग ट्रक की गर्मी में ठीक रहते हैं, लेकिन एसी लगने से जो अंदर और बाहर के तापमान का अंतर रहेगा, वह शायद हमलोगों को बीमार कर दे. वहीं मौजूद ट्रक चालक मोहम्मद् मूसा, आरिफ, टुनटुन और प्रकाश सहित अन्य ट्रक चालकों ने भी अपनी अपनी अलग प्रतिक्रिया दी. कई चालकों ने इस फैसले को सही बताया, तो कई ने गलत.बता दें कि सड़क परिवहन मंत्रालय ने पहली बार 2016 में इस कदम का प्रस्ताव दिया था. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक इंटरव्यूह में कहा था कि ‘हमारे देश में कुछ ड्राइवर 12 या 14 घंटे ट्रक पर होते हैं, जबकि अन्य देशों में बस और ट्रक ड्राइवरों के ड्यूटी पर रहने के घंटों की संख्या पर प्रतिबंध है. हमारे ड्राइवर 43 से 47 डिग्री के तापमान में गाड़ी चलाते हैं. हमें ड्राइवरों की हालत की कल्पना करनी चाहिए. मैं मंत्री बनने के बाद एसी केबिन पेश करने का इच्छुक था. लेकिन कुछ लोगों ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि इससे लागत बढ़ जाएगी. मैंने फाइल पर हस्ताक्षर किए हैं कि सभी ट्रक केबिन एसी के होंगे.