NIT-पटना की इस छात्रा को मिला लाखों का पैकेज, कहा पटना में खोलना चाहतीं है सॉफ्टवेयर कंपनी

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एनआईटी पटना से बीटेक कर रही बेगूसराय की श्वेतमणि उन भाग्यशाली छात्रओं में एक हैं जिनका पढ़ाई के दौरान ही कैंपस प्लेस्मेंट हो गया है। श्वेतमणि को नौ लाख रुपये का वार्षिक पैकेज देने वाली ओरल क्लाउड नामक सॉफ्टवेयर कंपनी पहली बार एनआईटी पटना में आई थी। उन्होंने बताया की जुलाई में कंपनी की हैदराबाद स्थित ऑफिस में ज्वाइन करेंगी। फिर वहां से अनुभव लेकर वह वापस पटना आएंगी और यहाँ सॉफ्टवेयर कंपनी खोलेगी। श्वेतमणि कहती हैं कि इसके माध्यम से वो लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करना चाहती हैं। उनका मानना है की सभी सफल लड़कियों को उन दूसरी लड़कियों क लिए अवसर मुहैया कराने की कोशिश करनी चाहिए जो अभावों क बीच रह रही हैं।

श्वेतमणि ने कहा कि उन्होंने कई प्रतिभा को सुविधा और साधन के अभाव में खत्म होते देखा है। कुशल और तकनीकी रूप से दक्ष लड़कियों को बेरोजगारी का दंश न झेलना पड़े इसलिए पटना में ही एक सॉफ्टवेयर कंपनी खोलकर रोजगार का सृजन करना चाहती हैं।

बेगुसराई के केन्द्रीय विद्यालय से दसवीं की परीक्षा में टॉप करने वाली श्वेतमणि के पिता चंद्रभूषण सिंह चाहते थे कि बेटी शिक्षक या प्रोफेसर बने। लेकिन श्वेतमणि की गणित में गहरी रुचि थी और वह गणित में काफी अच्छी थी। वह जेईई की परीक्षा देकर इंजीनियर बनना चाहती थी। पिता के फैसले के बाद उनकी चुप्पी ने उनके पिता को विचलित कर दिया। फिर पिता ने बेटी का हौसला बढ़ाया। और आज परिणाम सबके सामने है।

अपने सपने को मेहनत और जूनून से जो लोग पूरा कर लेते हैं, वो सफलता क मुकाम में अपना अलग स्थान बना लेते हैं। एनआईटी पटना के संचार प्रद्यौगिकी विभाग में 88 छात्र-छात्रएं में श्वेतमणि का पहला रैंक है। श्वेतमणि के पिता चंद्रभूषण सिंह ने बेटियों को बोझ न समझकर उन्हें उच्च शिक्षा दी। बेटियों ने भी पिता के सपनों को पूरा किया और अपनी सफलता को आज समाज के लिए समाज के लिए अर्पित करने की ठान समाज के लिए नजीर बनी गईँ।

चाहे बात पिता के सपने पूरे करने की हो या फिर खुद की पहचान बनाने की, बेटियां किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं है।

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