13वें उप राष्टपति होंगे Venkaiah Naidu .
वाइस प्रेसिडेंट इलेक्शन में उन्हें 771 में से 516 वोट मिले। वोटिंग से एक दिन पहले शुक्रवार को Venkaiah Naidu ने बीजेपी और एनडीए मेंबर्स के सामने एक इमोशनल स्पीच दी। उन्होंने कहा, “जब मेरी उम्र बहुत कम थी, तभी मेरी मां गुजर गईं। जब मैंने बीजेपी ज्वाइन की, तब से मैं इस पार्टी को ही अपनी मां मानता हूं।’
Venkaiah Naidu ने एक किस्से का जिक्र किया, “बचपन में जब अटल बिहारी वाजपेयी जी और लाल कृष्ण आडवाणी जी मेरे गांव में आते थे, तब मैं इनकी मीटिंग के बारे रिक्शे में प्रचार करता था। मैं माइक पर अनाउंसमेंट करता था, आज शाम को कबड्डी मैदान में आम सभा होने वाली है। श्रीमान अटल बिहारी वाजपेयी जी आने वाले हैं, तरुण हृदय सम्राट.. आप आइए और सभा को सफल बनाइए। उस वक्त लोग उन्हें इस नाम से पुकारते थे।
पार्लियामेंट में अपनी स्पीच में Venkaiah Naidu ने कहा, “इस तरह की किसी मीटिंग में आपसे आखिरी बार मुलाकात हो रही है। अब हाउस के लोग मुझे दूसरी जिम्मेदारी संभालते हुए देखेंगे। वहां इस तरह की मुलाकात का मौका बहुत ज्यादा नहीं रहेगा। बीजेपी हो या एनडीए या फिर कोई दूसरी पार्टी, पार्लियामेंट मेंबर के तौर पर ये मेरी आखिरी मीटिंग है।’
– “स्वाभाविक तौर पर ये मेरे लिए बेहद भावुक मौका है। उस दिन से जिस दिन मैंने पॉलिटिक्स ज्वाइन की, यूथ मूवमेंट ज्वाइन किया। चाहे आरएसएस रहा हो, एबीवीपी रहा हो, युवा मोर्चा हो, बीजेपी हो, स्टेट लेवल हो या नेशनल लेवल… मैंने हर स्तर पर काम किया।’
– “मैंने पार्टी को हमेशा अपनी मां का दर्जा दिया है। जैसा कि किसी ने कहा कि मैंने बहुत कम उम्र में अपनी मां को खो दिया था तो मैं हमेशा ये महसूस करता था कि पार्टी मेरी मां है और वो पार्टी आज देश में सत्तारूढ़ पार्टी बन गई है।’
– “एक जमाने में ये मजा उड़ाया जाता था कि बीजेपी उत्तर भारतीय पार्टी है, शहरी इलाके की पार्टी है। कुछ लोग ये भी मजाक उड़ाते थे कि ये शाकाहारी पार्टी है। वो सब खत्म हो गया। भारतीय जनता पार्टी आज ऑल इंडिया पार्टी बन गई है। मोदी और अमितभाई के नेतृत्व में ये 11 करोड़ सदस्यों वाली दुनिया की नंबर वन पार्टी बन गई है।
मैं इससे संतुष्ट हूं और बहुत खुश भी। ना केवल बीजेपी को भारी बहुमत मिला, बल्कि एनडीए को भी कम्फर्टेबल मेजॉरिटी मिली है। दूसरे दल भी हमारी लीडरशिप, हमारे काम को देखते हुए सपोर्ट करना चाहते हैं।’
– “मुझे जो भी काम दिया गया, मैंने उसे दिल से किया। बहुत गंभीरता से उस जिम्मेदारी को निभाया। हम सबकी कुछ ताकत और कमजोरियां होती हैं। मेरी कमजोरी गांव के लिए, गांव के आदमी के लिए मेरा प्यार है। एक बार अटलजी ने कहा कि तुम कोई पोर्टफोलियो सरकार में चुन लो।
मैंने उनसे कहा कि मैं इन पोर्टफोलियोज में इंट्रेस्टेड नहीं हूं। उन्हें थोड़ा अजीब लगा, पीएम कह रहे थे कि ये पोर्टफोलियो लो और मंत्री कह रहा था कि मुझे नहीं चाहिए। उन्होंने आखिर में कहा कि तुम्हें क्या चाहिए। मैंने उनसे कृषि मांगा, तब वो नीतीश जी के पास था और वे हमारे सहयोगी दल थे इसलिए, वो नहीं मिल पाया। फिर मैंने कहा कि ग्रामीण विकास दे दीजिए।’