पटना के आर ब्लॉक फ्लाईओवर के डिजाइन में गड़बड़ी पाई गई है। आईआईटी रुड़की के इंजीनियरों ने पुराने डिजाइन को कमजोर बताया है।
उनके अनुसार पुराने डिजाइन पर पुल बनेगा तो इसकी लाइफ छोटी हो सकती थी। लिहाजा पुल निर्माण निगम ने नए डिजाइन के अनुसार काम करने का फैसला किया है।
इससे पुल की लागत तो बढ़ेगी ही काम पूरा करने का समय भी बढ़ेगा। आर ब्लॉक फ्लाईओवर के मामले में इंजीनियरों की गलती ने सरकार का खर्च बढ़ा दिया।
अब नए डिजाइन से पुल बनाने में दस प्रतिशत खर्च बढ़ने का अनुमान है। हालांकि समय बढ़ने से भी कुछ खर्च बढ़ सकता है, लेकिन इसका अंदाजा पुल का नया एस्टीमेट बनने के बाद ही लगाया जा सकता है।
इसके अलावा तय समय पर काम पूरा नहीं होने से आमजन को परेशानी भी हो रही है। पुल का डिजाइन एसएन भवे एजेंसी ने बनाया था। इसकी तकनीकी जांच आईआईटी मुंबई ने की थी।
डिजाइन भूकंप के पुराने कोड के आधार पर बनाया गया था। यह कोड इंडियन रोड कांग्रेस द्वारा समय-समय पर जारी किया जाता है।
इससे तय होता है कि कितनी तीव्रता के भूकंप का कितना असर होगा। पुराने कोड से बने पुल में बड़ी तीव्रता का भूकंप ङोलने की ताकत नहीं होती।
सरकार ने डिजाइन को आईआईटी रुड़की को भेजा तो गड़बड़ी पकड़ी गई और डिजाइन में सुधार भी हुआ।
नए डिजाइन से काम करने के लिए पुल के पिलरों को और मजबूती देनी होगी। पिलरों को तोड़ने की जरूरत नहीं होगी।
पुराने पिलरों से सटकर अतिरिक्त लोहा डालकर नए पिलर बना दिए जाएंगे।
दोनों पिलर एक साथ जुड़कर मोटे और मजबूत हो जाएंगे। उसके बाद यह निर्माण भूकंप के नए कोड के अनुसार हो जाएगा।
इससे अधिक बोझ सहने की क्षमता तो होगी, भूकंप के बड़े झटकों का असर भी कम होगा।