पटना: स्टेशन चौक पर रेलवे की जमीन पर बर्तन की छोटी सी दुकान चलाने वाला युवा दुकानदार राजू कुमार स्वाध्याय के बल पर बीपीएससी न्यायिक सेवा की परीक्षा पास किया है। कल तक फुटपाथ पर बर्तन बेचने वाला यह युवक अब जज बन गया है। गरीबी और अभावों को मात देकर वह मेहनत, स्वाध्याय के बल पर इस मिथक को तोड़ दिया है कि एक साथ दो लक्ष्य हासिल नहीं किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि मेहनत के बल पर ही लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
पेट के साथ ज्ञान की भूख मिटाने की जिद
मूल रूप से हाजीपुर गंगा ब्रिज के मंगुराही गांव निवासी प्रहलाद चौधरी व मीना चौधरी के सुपुत्र हैं राजू कुमार। जीवन-यापन के लिए प्रहलाद चौधरी ने स्टेशन चौक पर फुटपाथ पर बर्तन बेचनी शुरू की थी। अनवरपुर में ही एक कमरे का मकान किराए पर ले रखा है। राजू अपने तीन भाइयों में सबसे बड़े हैं। परिवार में बड़े होने के कारण घर-परिवार की जिम्मेवारी का बोझ अपने कंधे पर भी लेना पड़ा। घर चलाने के लिए पिता के काम में हाथ बंटाना पड़ता था। मैट्रिक तक पढ़ाई जैसे-तैसे पूरी की। इसी दौरान स्टेशन रोड में रेलवे की जमीन पर दुकान के लिए चार गुणे आठ फीट जगह अस्थायी रूप से मिल गई। दुकान लग जाने के बाद राजू ने अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू किया।
माता-पिता व पत्नी ने बढ़ाया हौसला
यह जानते हुए भी कि परिवार चलाने के लिए सुबह से रात तक दुकान पर काम और फिर लक्ष्य हासिल करने के लिए पढा़ई करना आसान नहीं है, मां मीना, पिता प्रहलाद चौधरी, पत्नी रिंकी ने राजू को हौसला दिया।
दूसरे प्रयास में पाई सफलता
मां मीना चौधरी बताती हैं कि राजू ने कड़ी मेहनत कर 2014 में न्यायिक सेवा की परीक्षा दी। महज तीन अंक से चूक गए थे। इस बार पूरी तैयारी के साथ एक्जाम दिया था। परिणाम बेहतर मिलने की उम्मीद तो थी पर भाग्य पर बहुत ज्यादा भरोसा नहीं था। मंगलवार की रात राजू के दोस्त अमित ने फोन पर खुशखबरी सुनाई। घर के लोगों को सहसा विश्वास नहीं हुआ।