बसंती नवरात्र जिसे चैती नवरात्र के नाम से जाना जाता है, 29 मार्च से शुरू हो रहा है। कलश स्थापना के साथ बुधवार कि सुबह 5.53 बजे से 6.43 बजे तक प्रतिपदा में नव दुर्गा का आह्वान किया जायेगा। कलश स्थापना का ये सर्वोत्तम समय है। इसके बाद 11.35 बजे से 2 बजे तक भी विकल्प के तौर पर कलश की स्थापना की जा सकती है।
श्री सिद्धेश्वरी काली मंदिर बांस घाट के सचिव शैलेंद्र प्रसाद ने बताया की इस बार द्वितीया तिथि का क्षय है जिस कारण चैती नवरात्र आठ दिनों का ही होगा। माता का आगमन इस बार नाव पर हो रहा है, जो बहुत ही शुभ है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. राजनाथ झा के मुताबिक चैती नवरात्र माता दुर्गा की आराधना के साथ भगवान राम के जन्म और सूर्योपासना के कारण अति शुभ माना जाता है।
नवरात्री के साथ ही 31 मार्च को चैती छठ का नहाय-खाय, 1 अप्रैल को खरना, 2 तारीख की शाम में छठ का पहला अर्घ्य और 3 तारीख की सुबह प्रात:कालीन अर्घ्य दिया जाएगा।
फिर 5 अप्रैल को रामनवमी का उत्सव मनाया जायेगा। इस बार रामनवमी के दिन पटना में 25 शोभायात्रा निकाली जाएगी। श्री रामनवमी शोभायात्रा अभिनंदन समिति की ओर से डाकबंगला चौराहे पर शोभायात्राओं का स्वागत किया जाएगा। समिति के सदस्य सरदार जगजीवन सिंह ने कहा की इस बार शोभायात्रा की संख्या पिछले वर्ष के 22 यात्रा से बढ़कर 25 हो जाएगी। आयोजन मंडल सदस्य विधायक नितिन नवीन के अनुसार इस बार अधिक भव्य तैयारी की जा रही है।
डाकबंगला के पास मल्टीकलर लाइटिंग वाले 12 भव्य गेट बनाये जा रहे हैं जिसके लिए चंदन नगर, कोलकाता से कलाकार रहे हैं। रांची से मंगाए गए 1000 बड़े महावीरी ध्वज और 50 हजार छोटे-बड़े झंडों से शहर को सजाया जाएगा।
दरभंगा के विपिन जी डाकबंगला चौराहे पर विशेष रोशनी के बीच शंखनाद करेंगे। बनारस के गंगा घाटों पर होने वाली गंगा आरती की ही तरह राजधानी में भी आरती और भजन संध्या का आयोजन होगा।