पटना में आधुनिक बस terminal बनाने की योजना
पटना में आधुनिक बस terminal बनाने की योजना है। इस terminal के बन जाने से दूसरे राज्यों में आना-जाना आसान हो जाएगा।
हालांकि ये योजना दो वर्ष से लालबत्ती पर खड़ी है। आलम यह है कि हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (हुडको) से 256 करोड़ रुपये ऋण के साथ ही बिहार पर्यावरण आंकलन समिति से निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र तक हासिल नहीं हो सका है।
योजनानुसार अप्रैल 2017 में 258 करोड़ रुपये में जो आधुनिक बस terminal बन जाता, उसकी अनुमानित लागत अब बढ़कर 331 करोड़ हो गई है। नगर निगम ने निर्माण कार्य के लिए भूमि बुडको को सौंप दी है, लेकिन हुडको से कर्ज की दरकार है। आगे की प्रक्रिया में पेंच के कारण कार्य आरंभ नहीं हुआ।
इस आधुनिक बस terminal के प्लान पर तीन साल पहले 76 लाख रुपये खर्च किए गए। 2014 में भूमि का अधिग्रहण और किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान के साथ बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम (बुडको) को निर्माण को जिम्मेदारी सौंप दी गई थी।
पहले नगर निगम से बस terminal के लिए अर्जित 25.2 एकड़ भूमि बुडको को हस्तांतरण करने का मामला फंसा था। बीते मार्च में नगर निगम बोर्ड ने जमीन बुडको को दे दी, लेकिन बुडको का खजाना खाली था। फिर भी बुडको ने बस टर्मिनल निर्माण का टेंडर कर दिया।
अब हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (हुडको) से 256 करोड़ रुपये कर्ज का मामला दिल्ली दरबार में फंसा हुआ है। हुडको ने कर्ज देने के लिए बुडको से जमीन की लीज रजिस्ट्री कराकर बंधक के रूप जमा करने की शर्त रखी है। जमीन रजिस्ट्री कराने के लिए बुडको को 4.43 करोड़ रुपये की दरकार है।
बहरहाल हुडको बोर्ड की बैठक में बिना भूमि निबंधन पेपर के 256 करोड़ कर्ज देने की मंजूरी का इंतजार है। निर्माण कार्य के लिए जमीन और पैसे से काम चलने वाला नहीं है।
राज्य पर्यावरण आंकलन समिति से अनापत्ति भी नहीं मिली है। निर्माण कार्य के दौरान जन सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण का प्लान मंजूर होने के बाद ही कार्य आरंभ हो सकता है। पटना-गया रोड के किनारे 25.2 एकड़ भूमि पर मॉल-मल्टीप्लेक्स युक्त 8 मंजिले बस terminal निर्माण की योजना है।
पटना सिटी के पहाड़ी पर प्रस्तावित बस terminal में यात्रियों के मनोरंजन के लिए मल्टीप्लेक्स और फूड कोर्ट बनाने का प्लान है। यात्रियों के लिए डोरमेट्री भी बनानी है।
प्रस्तावित बस terminal परिसर के 10.16 फीसद जगह पर निर्माण का प्लान है। शेष खुला हरित क्षेत्र होगा। वाहनों की पार्किंग के लिए ड्राइव-वे की चौड़ाई 15 मीटर रखी गई है, ताकि जाम न लगे।
पैदल यात्रियों के लिए हर ब्लॉक और प्लेटफॉर्म तक आने-जाने के लिए वॉकिंग ट्रैक का निर्माण कराया जाएगा।