नालंदा जिला ने एकबार फिर से अपना डंका पुरे देश में बजाया है. केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने नालंदा जिला को मंरेगा में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया है.
यह उपलब्धि सिर्फ नालंदा की नहीं है बल्कि राज्य के लिए है क्युकि बिहार से एकमात्र जिला नालंदा है जिसे यह पुरस्कार दिया जा रहा है. यह पुरस्कार आगामी 19 जून को विज्ञान भवन नई दिल्ली में दिया जाएगा. जिले में मंरेगा योजना के तहत सूखे से निपटने के लिए नालंदा डीडीसी कुंदन कुमार द्वारा चलाया गया प्रोजेक्ट जल संचय के तहत जलसंरक्षण पर जोर दिया गया जिसे एक जनोपयोगी के रूप में बनाया गया.
उप विकास आयुक्त कुंडल कुमार के अनुसार इस प्रोजेक्ट को शुरू करने का मुख्य मकसद जिले में भारी बाढ़ और भीषण सुखाड़ को ध्यान में रखते हुए बनाया गया.
साल 2014 में जहां जिले में बाढ़ का कहर रहा वहीँ गले साल सुखाड़ का सामना करना पड़ा इससे बचने के लिए जल संचय प्रोजेक्ट के तहत जिले में चेक डैम (छिलका) का निर्माण कराया गया है जिससे पानी का संचय होता है और किसानो को इससे फायदा हो रहा है. इसके अलावे आहार का निर्माण परम्परागत पोखर का निर्माण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है.