बालिका गृह से मुक्त कराई गईं किशोरियों के बारे में जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने रिपोर्ट मांगी है। प्राधिकार के सचिव एवं एडीजे संदीप अग्निहोत्री ने डीएम प्रणव कुमार को पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि महिला थाना केस नंबर 33/18 से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया जाना है। इसमें कहा गया था कि जिन किशोरियों को मुजफ्फरपुर बालिका गृह से रिहा कराया गया था उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। वे कहां हैं और उनकी स्थिति कैसी है? ये भी पता करना जरूरी है कि ऐसी लड़कियों की बेहतर जिंदगी तय करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार ने तीन सप्ताह में किशोरियों की स्थिति के बारे में जानकारी देने को कहा है
विदित हो कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में आवासित किशोरियों के साथ यौन हिंसा मामले में सीबीआइ जांच के बाद दिल्ली के साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर के साथ 19 लोग इस मामले में सजा सुनाई गई थी।
इसमें ब्रजेश समेत 11 को उम्रकैद की सजा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने यह पाया था कि मुक्त कराई गई किशोरियों में से 12 को अब भी विभिन्न शेल्टर होम में रखा गया है। इसके बाद उक्त आदेश जारी किया था।