Muzaffarpur सदर अस्पताल की दुर्दशा! फर्नीचर ढोने के लिए इस्तेमाल हो रहा एम्बुलेंस, ऑटो से आ-जा रहें मरीज

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सदर अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधा उनको नसीब नहीं हो रही। शनिवार को एम्बुलेंस के इंतजार करते हुए मातृ-शिशु सदन से निजी सवारी से महिलाएं आती नजर आईं। इधर एंबुलेंस के लिए महिलाएं संपर्क करने के लिए पूछताछ काउंटर पर जाती तो उनको डांट फटकार मिलती।

मरीज रहे परेशान, एम्बुलेंस में चलती रही ढुलाई

दूसरी ओर एम्बुलेंस में दवा व फर्नीचर की ढुलाई चलती रही। एम्बुलेंस से गठरी उतरवा रहे एक कर्मी ने कहा कि ओपीडी में एक बड़े साहब का चैंबर बन रहा। उनके लिए बाजार से फर्नीचर लाने गए थे। उसके बाद दवा लाकर पहुंचाना है।

इधर, आटो से अपने बच्चे को लेकर जा रही अहियापुर की अंजली कुमारी ने बताया कि वह सुबह दस बजे से ही एम्बुलेंस का इंजतार कर रही थी। लेकिन शाम चार बजे उसे आटो मंगाकर जाना पड़ा।’

एम्बुलेंस के लिए करनी पड़ती है चिरौरी

ओटी के सामने महिला से मुलकात हुई। उसने इशारा किया कि देख नहीं रहे है कि एम्बुलेंस से मरीज के बदले क्या ढुलाई की जा रही है। एम्बुलेंस के लिए उन्हें चिरौरी करनी पड़ती है।

मातृ-शिशु सदन में एम्बुलेंस का इंतजार कर रही सुनीता कुमारी व पिंकी देवी ने कहा कि दोपहर के बाद यहां पर एम्बुलेंस का पता नहीं। तीन बज रहे अब क्या होगा पता नहीं। वहां पर तैनात सुरक्षा प्रहरी से लेकर एएनएम तक से पूछ रही। कोई बताने वाला नहीं। एम्बुलेंस के लिए कोई नंबर का डिस्पले नहीं हो रहा।गर्भवती को घर से लाने व प्रसव के बाद उसको पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस की सुविधा सरकार दे रही है। एम्बुलेंस पर मरीज को छोड़कर दूसरा कुछ भी ले जाना लापरवाही है। अधीक्षक से रिपोर्ट लेकर इसकी जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य मुख्यालय को रिपोर्ट दी जाएगी।

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