सरकार ने ग्राम पंचायतों के वार्ड सदस्यों को ताकतवर बनाने वाली नियमावली को मंजूरी प्रदान कर दी। गांवों के लिए योजनाओं के चयन और संचालन के लिए वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति गठित करने का रास्ता भी साफ कर दिया।
अब मुखिया नहीं बल्कि संबंधित वार्ड के सदस्य इस समिति के अध्यक्ष होंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग गई। बिहार पंचायत राज अधिनियम- 2006 में संशोधन के तहत यह संभव हुआ है।
सरकार के इस पहल से त्रिस्तरीय पंचायतों में चल रही योजनाओं खासकर सात निश्चय को अमलीजामा पहनाने में आड़े आ रही बाधा दूर हो गई। अब आसानी से योजनाओं के चयन और क्रियान्वयन की प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण हो सकेगा।
वार्ड सदस्यों को बढ़ा अधिकार
सरकार के इस पहल से ग्राम पंचायतों के एक लाख,15 हजार वार्ड सदस्यों की ताकत बढ़ गई हैं। वार्ड स्तर पर समिति गठन के लिए आधिनियम में धारा 170 ख और ग जोड़ी गई है।
धारा 170 ग के तहत राज्य सरकार को यह शक्ति मिल गई है कि वह वार्ड के लिए अनुमोदित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए वार्ड समिति को आदेश देगी।
यह बिहार पंचायत राज अधिनियम- 2006 की धारा-146 के तहत बिहार वार्ड सभा क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति कार्य संचालन नियमावली-2017 में संशोधन के तहत यह संभव हुआ है।