बक्सर के कलेक्टर Mukesh Pandey की सुसाइड की वजह पारिवारिक कलह थी। मुकेश पांडेय के फेसबुक एकाउंट में मैरेज की डेट 18 नवंबर 2013 डाली है। फोटो एलबम में चार फोटोज हैं जिसमें बचपन में स्कूल का ग्रुप फोटो व फैमिली के साथ तथा खुद की प्रोफाइल फोटो अपलोड है।
आखिरी तस्वीर फैमिली के साथ 6 नवंबर 2016 को डाली गई है। फ्रेंड्स में 138 लोग हैं। फेसबुक पर पत्नी के साथ उनकी सिर्फ एक ही फोटो है। बता दें कि Mukesh गुवाहाटी के रहने वाले थे। 2012 की यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में उन्होंने 14वां रैंक हासिल किया था।
उनके पिता डॉक्टर सुदेश्वर पांडेय और मां गीता पांडेय न्यू गुवाहाटी के आनंद नगर में रहते हैं। उनका पैतृक गांव सारण जिले के दरियापुर के सांझा में था।
मुकेश ने 10वीं की परीक्षा गुवाहाटी के फैकल्टी हायर सेकेंडरी स्कूल से जबकि इण्टरमीडिएट की परीक्षा गुवाहाटी के मारिया पब्लिक स्कूल से पास की थी।
उन्होंने गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज में एडमिशन लिया था। यहां से मुकेश ने बीए ऑनर्स की पढ़ाई की। ग्रेजुएशन के बाद मुकेश दिल्ली गए और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की। पहले प्रयास में असफल होने के बाद दूसरे प्रयास में वह सफल रहे।
Mukesh के पिता डॉक्टर सुदेश्वर पांडेय 40 साल पहले असम के गुवाहाटी चले गए। मुकेश का जन्म और फिर पढ़ाई यहीं से हुई। उनका सारण अपने गांव कभी-कभी ही आना-जाना होता था। वे अपने घर में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई राकेश पांडेय मास्को में राजदूत हैं।
छपरा के खैरा थाना के बन्नी गांव में डीएम का ननिहाल था। उनके रिश्ते के चाचा अनिल पाण्डेय विश्वंभरपुर पंचायत के पैक्स अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि मुकेश मेरा भतीजा था जो काफी मिलनसार था वैसे उससे मुलाकात तो पटना में हुई थी। फोन से हमेशा बात होती थी।
उनकी चाची कौशल्या कुंअर ने कहा कि पता नहीं उसे कौन सी परेशानी थी, जिसके लिए उसने ऐसा कदम उठाया।
डीएम Mukesh पांडेय के पिता सिधेश्वर पांडेय आज से 40 साल पूर्व डेरानी बाजार पर होम्योपैथिक से इलाज करने के क्लिनिक खोला था।
आर्थिक स्थिति खराब हो गई तो वे फिर गुवाहाटी चले गए और वहां होम्योपैथिक क्लिनिक खोला और धीरे-धीरे फैमिली के साथ वहीं रहने लगे।