बंद के दौरान MSU ने जीता सबका दिल, मरीज-दिव्यांग-एंबुलेंस का रखा विशेष ख्याल, MBD की मांग तेज

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पटना: बंद…बंद…बंद…आज बिहार बंद है, आज इस बात को लेकर बंद है तो कल उस बात को लेकर बिहार बंद है। बंद सुन अब लोग आजिज आने लगे हैं। लेकिन कहते हैं ना सच्चे मन से काम किया जाए तो सफलता अवश्य मिलती है।

ताजा अपडेट के अनुसार मिथिला विकास बोर्ड को लेकिर मिथिला स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा मिथिला बंद का आह्वान किया गया है। आज सुबह से ही दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा सुपौल सहित अन्य जिलों में कार्यकर्ताओं द्वारा सड़क यातायात बाधित कर पुरजोर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस बंद की सफलता इस बात से ही पता चल रही है कि लोग अपने आप बाजार और दुकान बंद कर रहे हैं।

एमएसयू के बीजे विकास ने बताया कि बंद के दौरान किसी को कोई परेशानी ना हो इस बात का विशेष ख्याल रखा गया है। दिव्यांग, मरीज और एंबुलेंस को ना तो रोका जा रहा है और ना बाधित किया जा रहा है। सड़क पर उतरे एमएसयू ने कहा कि आजादी के बाद से मिथिला क्षेत्र के विकास पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है। पार्टियों ने मिथिला का सिर्फ अपने वोट बैंक बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया है। मिथिला के सारे उद्योग-धंधों को बंद कर यहां लेबर जोन बना दिया गया। इस कारण लोग यहां से पलायन कर रहे हैं।

हमने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया : प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि क्षेत्र के लोग अशिक्षा, बेहतर स्वस्थ्य सेवा और बुनियादी सुविधाओं के आभाव में जी रहा है। लेकिन सरकारें कुम्भकर्णी निंद्रा में सोई हुए हैं। इसका नतीजा है आज भी यह क्षेत्र बाढ़, सुखार और गरीबी का दंश झेल रहा है। जिसके लेकर हमारी पार्टी दिल्ली से लेकर बिहार तक मिथिला विकास बोर्ड की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही है। हमारी मांगों पर किसी भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया है।

होगा बड़ा आंदोलन : कार्यकर्ताओं ने बताया कि हमने आंदोलन की योजना बनाई थी, उसकी पहली कड़ी में आज मिथिला बंद किया गया है। अगर आज के इस बंदी से सरकार हम लोगों की मांग नहीं मानती है, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और भी उग्र किया जायेगा। इस बंदी को देखते हुए निजी स्कूल संचालक और दुकानदारों ने अपनी दुकानों को बंद कर रखा है।

‘मिथिला विकास बोर्ड’ से जुडी मांगे : मिथिला या उत्तर बिहार 20 जिलों को विकसित करना।
एम्स, आईआईटी, आईआईएम, आईटी पार्क, टेक्सटाइल पार्क की स्थापना। स्पेशल एजुकेशन जोन(एसईजे) तथा सभी जिलों में मेडिकल और इंजिनयरिंग कॉलेज की स्थापना। बंद उद्योग-धंधा को पुन: चालू करना( चीनी, जुट, पेपर,खाद,सूत, खादी भंडार, सिल्क उद्योग) बाढ़ और सुखार से मुक्ति के लिए कमिटी का गठन। सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना व उपलब्ध यूनिवर्सिटी में अच्छी सुविधा। बेहतर हवाई, रोड, रेल नेटवर्क की सुविधा। टूरिज्म, कल्चर और भाषा के संवर्धन हेतु बजट। कृषि आधारित उद्योग डेरी, मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन आदि के लिए व्यापक कार्ययोजना। महिला शक्तिकरण हेतु जिला स्तर पर व्यापक मेनुफेक्चरिंग चेन की स्थापना।

Source: Live Bihar

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