PATNA… मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव (राजेश रंजन) इन दिनों बुलेट से बाढ़ प्रभावित इलाकों में घूमकर पीड़ितों से मिल रहे हैं। इस दौरान वे लोगों के लिए राहत शिविर में भंडारा चला रहे हैं तो वहीं वे उनके साथ बैठकर उनका हाल-चाल भी ले रहे हैं।
नीतीश कुमार को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें आसमान से नहीं बल्कि नीचे जमीन पर आकर वास्तविक स्थिति को देखना चाहिए। कोसी-सीमांचल में बाढ़ प्राकृतिक नहीं बल्कि राजनीतिक आपदा है। बाढ़ आने पर बांध, स्पर आदि मरम्मत के नाम पर अरबों रुपए लूटे जाते हैं।
उन्होंने बिहार में बाढ़ से हुई भारी तबाही ओर मौत के लिए राजनीतिज्ञों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने पूर्णिया, किशनगंज, जोगबनी, फारबिसगंज, अररिया और कटिहार में बाढ़ से भारी तबाही और जान- माल की क्षति बताई।
उन्होंने बताया कि किशनगंज में एक गांव क्षितिज का नामोनिशान मिट गया। जोगबनी में 300 मौत हुई।
पूर्णिया प्रमंडल के सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कैम्प चल रहा है और जब तक ये लोग चाहेंगें, मैं इनके खाने पीने की व्यवस्था करता रहूंगा। पप्पू ने सरकार से कम से कम तीन महीने राहत कैम्प चलाने की मांग की।
मैं 1990 से फरक्का में गाद की सफाई और हाई डैम बनाने की मांग कर रहा हूं। इसके बिना इसका समाधान नहीं हो सकता है। फरक्का में गाद की सफाई के साथ हाई डैम बनाने में देरी क्यों हो रही है। उन्होंने बिहार में आई इस प्रल्यंकारी बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की।
बाढ़ में मरे लोगों को जोगबनी में पुल से नीचे फेंकवाया जा रहा है। पप्पू यादव ने नीतीश कुमार, लालू यादव, रामबिलास पासवान, सुशील मोदी और शरद यादव को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये पांचों हवा- हवाई नेता गरीब जनता का दुख- दर्द बांटने उनके बीच अभी तक क्यों नहीं गए।
हर ताज़ा अपडेट पाने के लिए के फ़ेसबुक पेज को लाइक करें।