मॉनसूनी आंधी-वज्रपात से बिहार में अब तक 33 मरे, पांच दिन ठनका गिरने का अलर्ट, बिजली गिरे तो पेड़ के नीचे ना छुपें

जानकारी

बिहार में मॉनसून की बारिश के साथ वज्रपात का खौफ भी आया है। पिछले दो दिनों में राज्य के अलग-अलग जिलों में बिजली गिरने से 33 लोगों की मौत हो गई है। राज्य में पिछले साल ठनका गिरने से कई जिलों में बड़ी संख्या में लोग मरे थे। इस साल भी मॉनसून की शुरुआत में ही लगभग तीन दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों को सांत्वना देते हुए 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

भागलपुर में 7, मुजफ्फरपुर में 6, छपरा व लखीसराय में 3-3, मुंगेर व समस्तीपुर में 2-2, जहानाबाद, खगड़िया, नालंदा, पूर्णिया, बांका, बेगूसराय, अररिया, जमुई, कटिहार और दरभंगा में 1-1 की मौत की खबर है। नीतीश कुमार ने खराब मौसम में लोगों से सावधानी बरतने और पूरी एहतियात बरतने की अपील की है।

देश में बिजली गिरने के मामले में बिहार दसवें नंबर पर

पिछले हफ्ते जारी हुई सालाना वज्रपात रिपोर्ट 2021-22 के मुताबिक बिहार देश में बिजली गिरने के मामले में दसवें स्थान पर है। 2021-22 में बिहार में ठनका गिरने की 2,59,266 घटनाएं दर्ज की गई। हालांकि यह 2020-21 की तुलना में 23 फीसदी कम है। मध्य प्रदेश देश में बिजली गिरने के मामले में पहले स्थान पर है। पड़ोसी राज्य झारखंड भी ठनका गिरने के मामले में देश भर में छठे पायदान पर है। 2020-21 में बिजली गिरने से देश भर में 401 लोगों की मौत हो गई थी। 2021-22 के दौरान मौत का डेटा उपलब्ध नहीं है।

पटना मौसम केंद्र के निदेशक विवेक सिन्हा ने कहा कि जैसे ही किसी को बिजली चमकती दिखे, उसे किसी घर में शरण ले लेना चाहिए। सिन्हा ने कहा कि बिजली गिरने के दौरान किसी पेड़ के नीचे बिल्कुल नहीं छुपना चाहिए क्योंकि वो खतरनाक साबित हो सकता है।

पटना मौसम केंद्र ने अगले दो-तीन दिन भारी बारिश का अनुमान जताया है। राज्य के उत्तर-पूर्व के जिले इस अलर्ट के फोकस में हैं। मौसम केंद्र ने अगले पांच दिनों तक राज्य के अमूमन हर जिले में आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी दी है।

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