बदलते दौर के साथ भारतीय क्रिकेट में जबर्दस्त बदलाव हुआ है। पहले राजा-महाराजा और बड़े शहरों में रहने वाले लोग ही क्रिकेट खेलते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। क्रिकेट में अब वैसे सितारे भी चमक रहे हैं जो गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। हैदराबाद के उभरते तेज गेंदबाज मो. सिराज एक ऐसे ही खिलाड़ी हैं।
उनके पिता मो. गौस हैदराबाद में ऑटो चलाते थे। श्रीलंका के खिलाफ घोषित टी-20 भारतीय टीम में सिराज को नये चेहरे के रूप में शामिल किया गया है। कुछ साल पहले ऑटो चलाने वाले मो. गौस बहुत मुश्किल से अपना परिवार चला रहा थे। ऐसे में सिराज के लिए क्रिकेट खिलाड़ी बनना आसान नहीं था।
लेकिन सिराज ने गरीबी से हार नहीं मानी। पैसों की कमी से वह किसी क्रिकेट एकेडमी में नहीं जा पाया, लेकिन क्रिकेटर बनने का जुनून बिल्कुल कम नहीं हुआ। सिराज हैदराबाद की गलियों में टेनिस बॉल से ही हाथ आजमाने लगे।
गली क्रिकेट में सिराज ने अपनी गेंदों की तेजी से सबको चौंका दिया। मुहल्ला क्रिकेट में उसने विकेटों की झड़ी लगा दी। धीरे- धीरे सिराज की गेंदबाजी की हैदराबाद में चर्चा होने लगी। हैदराबाद के ऱणजी चयनकर्ताओं तक सिराज की चर्चा पहुंची। उसे ट्रायल के लिए बुलाया गया जिसमें वह पास हो गया।
2015 में सिराज को हैदराबाद की रणजी टीम में चुन लिया गया। पहले ही सीजन में उन्होंने अपनी शानदार गेंदबाज़ी से सबको प्रभावित कर दिया। कुल 9 मैच खेले और 18.92 की औसत से 41 विकेट लिये । पूरे रणजी टूर्नामेंट में वे तीसरे सबसे सफल गेंदबाज साबित हुए।
हैदराबाद के लिए दो सीजन रणजी खेलने के बाद सिराज को मैच फीस के रूप में 10 लाख रुपये मिले। इस कामयाबी से एक गरीब परिवार का कायापलट हो गया। सिराज ने सबसे पहला काम ये किया कि उन्होंने अपने पिता को ऑटो चलाने की जिम्मदारी से मुक्ति दिला दी। इन पैसों को सिराज ने अपने घर की सुख सुविधाओं पर खर्च किये।
2017 सिराज के लिए न भूलने वाला साल साबित हुआ। पहले तो इस साल IPL की नीलामी में सिराज की झोली पैसों से भर गयी । इसके बाद अब उन्हें टी-20 में भारतीय क्रिकेट टीम का सदस्य चुन लिया गया।
2017 में IPL की नीलामी के दौरान सिराज को टीम में लेने के लिए हैदराबाद सनराइजर्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु में जबर्दस्त होड़ लगी थी। इस होड़ की वजह से सिराज को बेस प्राइस की तुलना में 13 गुना अधिक क़ीमत मिली।
उनका बेस प्राइस 20 लाख रुपये था और सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें 2.6 करोड़ रूपये में ख़रीदा था। हालांकि IPL में उन्हें केवल छह मैच खेलने को मिले जिसमें 10 विकेट लिये थे। लेकिन लीग के अंतिम मैच में उन्होंने गुजरात लायंस के ख़िलाफ़ 32 रन पर 4 विकेट ले कर अपनी काबिलियत साबित की थी।