पटना: बिहार की धरती पटना से एक बड़ी खबर आ रही है जहां पटना यूनिवर्सिटी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंच पर आते ही वहां मौजूद छात्र मोदी-मोदी कह कर चिल्लाने लगे। मोदी ने सबसे पहले वहां उपस्थित छात्र और शिक्षकों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया था कि मैं देश का पहला पीएम हूं जो पटना यूनिवर्सिटी के प्रोग्राम में शामिल हुआ हूं। ये मेरा सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि पहले के प्रधानमंत्री कई अच्छे काम मेरे लिए छोड़कर गए हैं। वैसा ही अच्छा काम करने का सौभाग्य आज मुझे मिला है। उन्होंने सबसे पहले पटना की पवित्र धरती को प्रणाकरते हुए कहा कि आज हमारा देश जहां भी है उसे वहां तक पहुंचाने में इस यूनिवर्सिटी कैंपस का बहुत बड़ा योगदान है। मोदी ने कहा कि चीन में एक कहावत है कि अगर आप साल भर का सोचते हैं तो आप अनाज बोईए। अगर 10-20 साल का सोचते हैं तो फलों का वृक्ष बोईए।
लेकिन अगर आप पीढ़ियों का सोचते हैं तो मनुष्य को बोईए। प्रधानमंत्री ने कहा कि पटना यूनिवर्सिटी इस बात का जीता-जागता सबूत है कि 100 साल पहले जो बीज बोया गया, 100 साल के भीतर अनेक पीढ़ियां यहां आकर मां सरस्वती की साधना कर आगे निकल गई और देश को भी अपने साथ आगे ले गई। उन्होंने काह कि आज भारत का शायद ही कोई राज्य होगा जहां सिविल सर्विस का नेतृत्व करने वालों में पांच लोग पटना यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी न हों। उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस सरस्वती का लक्ष्मी के साथ मिलन करना चाहती है। ताकि बिहार के साथ-साथ पटना यूनिवर्सिटी का और विकास हो सके।
मोदी ने कहा कि आजादी के 75 साल मनाने के मौके पर बिहार सबसे आगे निकले इसी संकल्प के सात हम सबको मिलकर काम करना होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पटना गंगा के तट पर है। जितनी पुरानी गंगा है। पटना उतना ही पुराने ज्ञान की विरासत नगरी है। उन्होंने कहा कि बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय को कौन भूल सकता है।