पटना: जीएसटी के अंतर्गत आईटी से जुड़े मुद्दों पर बेंगलुरु में गठित मंत्री समूह की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता करते हुए उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि एक अक्टूबर से टीडीएस (Tax Deduction At Source) प्रथम चरण में बड़े निर्माण विभागों (जैसे सड़क और सिंचाई) की परियोजनाओं से जुड़े कॉन्ट्रैक्टर पर लागू करने की अनुशंसा की गई है।
बिजनेस इंटेलीजेंस के लिए इंफोसिस एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार करेगा, जिससे टैक्स की चोरी रखने वालों की कड़ी निगारानी हो सकेगी। पूरे देश में ई-वे बिल की देख-रेख के लिए मालवाहक गाड़ियों में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाने की जिम्मेवारी नेशनल इंफॉर्मेटिक सेंटर (NIC) को दी गई है।
ई-वे बिल की निगरानी के लिए राज्य की सीमा पर सेंसरयुक्त कैमरा लगे रहेंगे। साथ ही मालवाहक गाड़ियों में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाया जायेगा। कैमरा के सामने गाड़ियों के आते ही यह पता चल जायेगा कि ई-वे बिल के साथ माल का परिवहन किया जा रहा है या नहीं। यूपी और महाराष्ट्र में इलेक्ट्रॉनिक चिप की व्यवस्था लागू कर दी गई है।
मोदी ने बताया कि आगामी 21 जुलाई को नई दिल्ली में आयोजित जीएसटी कौंसिल की बैठक में जीएसटी कानूनों में व्यापक बदलाव पर विचार किया जा सकता है। छोटे कारोबारियों के हित में कम्पोजीशन स्कीम के तहत टर्न ओवर की सीमा एक करोड़ से बढ़ा कर डेढ़ करोड़ हो सकती है।
व्यापक बदलाव कर रिटर्न के प्रारूप को महज एक पेज कर दिया जायेगा। पहले जहां साल में 37 रिटर्न दाखिल करने होते थे। वहीं, अब औसतन मासिक एक और साल में मात्र 13 रिटर्न ही दाखिल करने होंगे। 80 प्रतिशत डीलर जो सीधे उपभोक्ताओं को माल बेचते हैं। अब मात्र 3 लाइन का रिटर्न दाखिल कर सकेंगे।
Source: Etv Bihar