मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव के मुद्दे पर खामोश हैं। तेजस्वी पर राजद का स्टैंड क्लीयर होने के बाद जदयू के नेताओं को भी खामोश रहने को कहा गया है।दल के मुखिया के निर्देश के बाद वैसे तो जदयू के नेता कुछ बोलने से बच रहे हैं लेकिन आज उनके अंदर का आक्रोश बाहर निकल आया। जदयू विधायक दल की बैठक में शामिल होने आये कुछ विधायकों ने काफी आक्रामक शब्दों का इस्तेमाल किया।
बैठक में शामिल होने से पहले जदयू विधायक श्याम बहादुर सिंह ने कहा कि हम अपने सिद्धांत की रक्षा के लिए चुनाव में भी जाने का तैयार हैं। मामला दर्ज होने के बाद तेजस्वी यादव को इस्तीफा दे देना चाहिए। उनके इस्तीफे की वजह से अगर सरकार गिरती है तो हम चुनाव में भी जाने के लिए तैयार हैं। अधिकतर विधायक तेजस्वी यादव से इस्तीफा लिये जाने के पक्ष में हैं। लेकिन उन्होंने ये जरूर कहा कि इस मामले में उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष जो भी फैसला लेंगे वही उनके लिए मान्य होगा।
जदयू को आंतरिक स्रोतों से इस बात का फीडबैक मिला रहा है कि अगर तेजस्वी यादव के मुद्दे पर सरकार को कुर्बान कर दिया जाता है तो जनता के एक बड़े वर्ग का समर्थन मिल सकता है। फिलहाल नीतीश के पक्ष में वैसे लोग भी दिख रहे हैं जो भाजपा के समर्थक माने जाते हैं। चुनाव के समय नीतीश को व्यापक जमसमर्थन की उम्मीद जाहिर की जा रही है। कहा जा रहा है कि अगर इस हालात में चुनाव हुए तो जदयू को अकेले बहुमत मिल सकता है। तब उसे न राजद की जरूरत होगा न भाजपा की।
जदयू विधायकों का मिजाज आर-पार के पक्ष में है। जब से राजद ने 80 विधायकों का ताना मारा है उसके बाद जदयू विधायक भी करारा जवाब देना चाहते हैं। वैसे तो जदयू की यह बैठक राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा के लिए बुलायी गयी थी लेकिन राजनीतिक संकट पर विधायकों का मन भी टटोला गया। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद जदयू अपने पत्ते खोल देगा। जदयू के एक नेता ने कहा कि तेजस्वी को हर हाल में जाना ही होगा। इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं।
आने वाली विकट परिस्थितियों को ध्यान में रख कर ही जदयू ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की तारीख को आगे बढ़ा दिया है। पहले दिल्ली में यह बैठक 23 जुलाई को होने वाली थी। अब इसकी तारीख 19 अगस्त कर दी गयी है। यानी जदयू भविष्य की संभावनाओं को आकलन कर के अपनी रणनीति तय कर रहा है। जदयू यह मान कर चल रहा है आने वाले समय में राजनीतिक उछल पुथल हो सकती है । इस लिए वह संक्रणकाल के दौरान किसी बैठक से बच रहा है।