41 करोड़ रुपये में खरीदा। इसके लिए फंड का इंतजाम कंपनी के 1,20,000 शेयर्स को बेच कर किया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि इन शेयर्स की कीमत 10 रुपये प्रति शेयर थी, पर इन्हें वीके जैन और एसके जैन नाम के दो कारोबारियों को 90 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से बेचा गया।
गौरतलब है कि जैन भाइयों को इसी साल मार्च में कालेधन की खिलाफ की गई कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद एक साल से कम समय में ही यानी 2009 में मीसा और शैलेश ने इन शेयरों को फिर खरीद लिया। 90 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से बेचे गए शेयरों को इस बार सिर्फ एक या दो रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीदा गया।
चैनेल का कहना कि यह साफ तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का शक पैदा करता है। मामले की जांच के लिए पालम फॉर्म्स के बिजवासन में गई टाइम्स नाउ की एक टीम ने पाया कि इस प्रॉपर्टी पर अभी तक निर्माण शुरू नहीं हुआ है। इसका एक हिस्सा खेती के कामों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।