कार्तिक अमावस्या को सूर्य ग्रहण के बाद कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर को मेष राशि और भरनी नक्षत्र में खगास्त्र चंद्र ग्रहण लग रहा है। कोरैय निवासी ज्योतिषविद राधे सुधा शास्त्री के अनुसार बेगूसराय जिले में शाम 04:59 बजे शुरू होगा और शाम 06:20 बजे ग्रहण मोक्ष है। तीन प्रहर अर्थात नौ घंटे पहले सुबह 07:59 बजे से सूतक लग जाएगा। हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण दोनों को भी अशुभ माना जाता है। साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को देव दीपावली के अगले दिन लगने जा रहा है। साल 2022 में यह अजीब संयोग बन रहा है कि सिर्फ 15 दिन के अंतराल में ही दूसरा ग्रहण लग रहा है। 8 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण साल का आखिरी ग्रहण होगा।
शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के दौरान न भोजन करें और नही सोएं। इस दौरान पूजा या कोई शुभ कार्य भी नहीं किया जाता। ग्रहण के बाद स्नान करें और गंगाजल का छिड़काव कर घरों व पूजा घर को पवित्र करें। इसके बाद ही भोजन करें।
मंदिर खुलने और बंद होने का समय:
सूतक काल प्रातः 8.27 बजे शुरू हो जाएगा। ग्रहण का सूतक प्रारंभ होने से पूर्व मंदिरों में देव दर्शन एवं पूजा-अर्चना होगी। सुबह आरती के बाद करीब 8.15 बजे तक मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे। शाम को चंद्र ग्रहण पूर्ण हो जाने पर सूतक काल समाप्त हो जाएगा। तत्पश्चात देर शाम मंदिरों की साफ-सफाई कराई जाएगी। देव प्रतिमाओं को स्नान कराया जाएगा। इसके बाद ही मंदिरों के पट देव दर्शन के लिए खुल सकेंगे।
ज्योतिषाचार्य राजीव लोचन मिश्र कहते हैं कि मंगलवार को चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पूर्व सूतक शुरू हो जाएंगे। चंद्रग्रहण शाम को 5.27 बजे प्रारंभ होगा। जो कि शाम 6.20 बजे समाप्त होगा। इस तरह चंद्र ग्रहण की अवधि 1 घंटा 7 मिनट रहेगी। मंगलवार को सुबह सूतक लगने पर महिलाएं सूतक काल से पूर्व अपने जरूरी कामों को निपटाकर रखेंगी। खाने की चीजों पर तुलसी दल डाल कर रखा जाएगा। माना जाता है कि ग्रहण के सूतक काल में खाने की चीजों और खाद्य पदार्थों पर तुलसी दल डाले जाने से यह अशुद्ध नहीं होते हैं। लेकिन फिर भी ज्यादातर लोग ग्रहण के सूतक काल के दौरान खाना खाने से परहेज रखते हैं।