मेरी लड़ाई कुर्सी की नहीं, विचारों की’- मुकेश सहनी, बोले- बिहार के हर शख्स के चेहरे पर खुशी मेरी प्राथमिकता

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विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के संस्थापक और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी शुक्रवार को खगड़िया के अलौली में श्रीश्री 108 श्री कमला मेला महोत्सव में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में वे या उनकी पार्टी जो लड़ाई लड़ रही है, वह कुर्सी की नहीं, बल्कि विचारों की है।

सहनी ने कहा कि मैं अपनी जिंदगी आराम से मुंबई में गुजार रहा था और आगे भी गुजार लेता। लेकिन हमारी परंपरा ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ रही है। भगवान राम ने रावण के साथ युद्ध में विजय हासिल करने के बाद भी अपने भाई लक्ष्मण से कहा था कि यद्यपि यह लंका सोने की बनी है, फिर भी इसमें मेरी कोई रुचि नहीं है। क्योंकि जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान हैं।4

यही कारण है कि वे अपने राज्य के लोगों की लड़ाई लड़ने बिहार पहुंचे। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुझे न पावर चाहिए, न पैसा चाहिए, हर बिहारी के चेहरे पर खुशी रहे यह मेरी प्राथमिकता है। सहनी ने लोगों से अपनी आने वाली पीढ़ी को खूब पढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि आज ज्यादा मेहनत करने वाले गरीब हैं, जबकि कम मेहनत करने वाले ज्यादा अमीर हैं। इसका एकमात्र कारण शिक्षा है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में पावर और पैसे से ही अपने अधिकार की लड़ाई लड़ी जा सकती है और सफलता पाई जा सकती है।

विकास वैभव का सम्मान होना चाहिए: पप्पू यादव

इधर, जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आइपीएस विकास वैभव के मामले पर बयान देते हुए शुक्रवार को कहा कि विकास वैभव एक अच्छे अधिकारी हैं। उनका सम्मान होना चाहिए। उनके आरोपों की जांच होनी चाहिए। पप्पू यादव ने नीतीश सरकार को भी कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि प्रशासन पर सरकार का नियंत्रण कम होता जा रहा है। पप्पू यादव ने कहा कि कई अधिकारी वर्षों से एक ही शीार्ष पद पर बैठे हैं। इनके कारण कई काबिल अधिकारियों को बिना काम के रखा जा रहा है।

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