बिहार भारत की शान है । भारत के अमीर राज्य भी बिहार के सामने पानी भरते हैं। IAS टॉपर देने के मामले में बिहार नम्बर एक राज्य है। पिछले 30 साल में बिहार से 5 UPSC टॉपर निकले हैं। यूपी ने भी 5 UPSC टॉपर दिये हैं।
UPSC सिविल सर्विसेज में पहला स्थान लाना किसी छात्र की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। इस मामले में यूपी भी बिहार के साथ पहले स्थान पर है। बिहार की यह सच्चाई वैसे लोगों के मुंह पर एक तमाचा है जो यहां की शिक्षा और छात्रों का मजाक उड़ाते हैं।
मेट्रो कल्चर वाले देश के आधुनिक राज्य, बिहार के सामने फीके पड़ जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूं ही बिहार के IAS अफसरों के कायल नहीं हैं।

बिहार के छात्र कम संसाधनों के बीच पढ़ते हैं लेकिन उनकी प्रतिभा का देश भर में कोई जवाब नहीं है। आमिर सुबहानी सीवान के एक गांव के हाईस्कूल में पढ़ कर पटना साइंस कॉलेज पहुंचे। गांव के स्कूल में पढ़े आमिर सुबहानी गणित के सवाल को चुटकियों में हल कर देते थे।
वे पहले बिहारी थे जिन्होंने UPSC सिविल सर्विसेज की परीक्षा में टॉप किया। वे अभी बिहार से वरिष्ठ अधिकारियों में एक हैं। इसके बाद तो बिहार से IAS टॉपरों की लाइन लग गयी।
एक नजर डालते हैं बिहार के IAS टॉपरों पर जो UPSC की परीक्षा में पहले पायदान पर रहे-
- 1987 – आमिर सुबहानी
- 1988 – प्रशांत कुमार
- 1996 – सुनील वर्णवाल
- 1997 – देवेश कुमार
- 2001 – आलोक रंजन झा

आइएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2017 में देश भर में IAS अधिकारियों की कुल संख्या 4926 थी । इसमें बिहार के IAS अफसरों की संख्या 462 थी। सबसे अधिक IAS देने के मामले में बिहार, उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है।
टैलेंट के मामले में जब बिहार इतना आगे हैं तब फिर यहां का मजाक क्यों उड़ाया जाता है ? दरअसल शहरी चकाचौंध में रहने वाले मेट्रो के लोग बिहार के छात्रों की कामयाबी पर जलते हैं। जब वे बिहारी छात्रों से कम्पीट नहीं कर पाते तब वे नकारात्म बातों से उनकी आलोचना करने लगते हैं।

बिहार में पढ़ाई..
देश के बड़े शिक्षण संस्थानों बिहार के छात्र अपने मेरिट से पढ़ने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन अगर बिहार की किसी परीक्षा या रिजल्ट में कोई गड़बड़ी हो गयी तो उसका इतना ढिढोरा पीटा जाता है जैसे कि बिहार में पढ़ाई का कोई माहौल ही नहीं है। बिहारियों को ‘भइया’ कह कर चिढ़ाया जाता है।
महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में अंग्रेजों के जमाने से पढ़ाई का माहौल रहा है। लेकिन देश की सर्वोच्च परीक्षा में ये विकसित राज्य भी बिहार की बराबरी नहीं कर पाये हैं। दिल्ली, मुम्बई, बेंगलुरु वाले जनबूझ कर बिहार की गलत छवि पेश करते हैं । पिछले 30 साल में बिहार ने पांच IAS टॉपर दिये, किसी और राज्य में ऐसा दम है क्या ?