मैट्रिक व इंटर के 99 हजार से अधिक छात्र नहीं दे पाएंगे परीक्षा, KK Pathak का यह फैसला है बड़ी वजह

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सरकारी स्कूल में नामांकन के बाद भी कक्षा में उपस्थित नहीं होने वाले विद्यार्थियों को लेकर के के पाठक का रवैया सख्त होता जा रहा है।  पाठक के सख्त रवैये के कारण तिरहुत प्रमंडल के 99 हजार से अधिक छात्र मैट्रिक व इंटरमीडिएट की 2024 की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे।

केके पाठक इन बच्चों पर किसी तरह की मेहरबानी के मूड में नहीं है।  मैट्रिक व इंटर की होने वाली परीक्षा में इन्हें शामिल नहीं करने का आदेश दिया है। विभाग के फैसले के बाद इस तरह के छात्रों की बेचैनी बढ़ गई है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है।

सख्ती के बावजूद स्कूल नहीं आ रहे छात्र

स्कूलों के लगातार निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि नौवीं से बारहवीं के छात्र स्कूल नहीं आ रहे हैं। ऐसे छात्रों को कई बार मौका दिया गया, बावजूद सुधार नहीं हो सका है।

स्कूल की ओर से अभिभावक के घर पर नोटिस भी भेजा गया, जिसमें कहा गया कि बच्चे को नियमित स्कूल भेजें, लेकिन अपेक्षित सुधार नहीं दिखा है।

जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर मुजफ्फरपुर जिले के एचएम ने 9 से 12वीं कक्षा के 18 हजार 758 छात्रों के नामांकन को रद्द कर दिया है। वहीं, प्रमंडल के 99 हजार 828 छात्र परीक्षा से वंचित हो जाएंगे। इन छात्रों को परीक्षा में शामिल करने से परिणाम पर बुरा असर पड़ेगा।

विभाग ने क्या कहा ?

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने समिति अध्यक्ष को स्पष्ट कहा कि 2024 की मैट्रिक व इंटर की सेंटअप परीक्षा में शामिल नहीं करें। दूसरी ओर आगामी वार्षिक माध्यमिक व इंटर परीक्षा में शामिल नहीं करने का आदेश दिया गया है। विभागीय फैसले से उन छात्रों की बेचैनी बढ़ गई है।

छात्रों ने जताई नाराजगी

हाईस्कूल के छात्र राकेश कुमार ने बताया कि अचानक इस तरह की सख्ती की जा रही है। स्कूलों में विषयवार शिक्षक नहीं हैं, जो हैं वे पढ़ाना नहीं चाहते हैं, इसलिए बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। एक अन्य छात्र सरोज कुमार ने बताया कि पढ़ने-पढ़ाने का माहौल नहीं है। सरकार की सख्ती के बाद शिक्षक स्कूल तो जा रहे हैं, लेकिन पढ़ाना उनका मकसद आज भी नहीं है।

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