पटना के राजीवनगर आसरा होम में दो संवासिनों की मौत के बाद गिरफ्तार हुई मनीषा दयाल का कनेक्शन मुंगेर में मनरेगा घोटाले से जुड़ा गया है। जानकारी के मुताबिक मुंगेर में बरियारपुर प्रखंड के हरिणमार और झौआ बहियार पंचायत में छह सौ यूनिट पौधे लगाए गए। इस काम में ग्रीन लीफ इनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को पौधे मुहैया कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। ग्रीन लीफ इनर्जी प्राइवेट लिमिटेड से पटना के आसरा होम मामले में जेल में बंद मनीषा दयाल, उनके भाई मनीष दयाल और अन्य परिजनों का नाम जुड़ा है।
पौधरोपण योजना में सात करोड़ से अधिक के पौधे लगाए गए थे। इस पौधों जमीन पर नहीं देखा जा रहा है। अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पौधरोपण के बाद बाढ़ आई। इस बाढ़ में सभी पौधे बह गए। इस घोटाले को लेकर पटना हाईकोर्ट में एलपीए भी दायर किया गया है। नागरिक मंच के महासचिव राजेश जैन ने बताया कि तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त एसएम राजू के समय ग्रीन लीफ इनर्जी प्राइवेट लिमिटेड पर सरकारी महकमा खास मेहरवान था। अधिक कीमत पर पौधे उपलब्ध कराने वाली ग्रीन लीफ इनर्जी प्राइवेट लिमिटेड से पौधे खरीदने के लिए जोर दिया जा रहा था। स्थानीय नर्सरी व्यवसाय से जुड़े लोगों को पूछा तक नहीं जा रहा था।
वहीं दूसरी तरफ पटना के राजीवनगर बालिका गृह मामले में पुलिस जांच में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। आसरा शेल्टर होम्स के दो संवासिनों की मौत के बाद ये शेल्टर होम प्रकाश में आया था। मीडिया में मामला आने के बाद शुरू में पुलिस कुछ हरकत में आई मगर धीरे-धीरे जांच ढील पड़ती जा रही है। पुलिस की कार्रवाई मनीषा दयाल व चिरंतन से आगे नहीं बढ़ पा रही है। पुलिस मनीषा दयाल और चिरंतन से जुड़े बैंक खातों की जानकारी लगा चुकी है। समय-समय पर दोनों से इस संबंध में पूछताछ भी कर चुकी है।
पुलिस ने अब तक की छानबीन में पता लगाया है कि मनीषा दयाल ने सरकार द्वारा आवंटित राशि को सही तरीके से शेल्टर होम पर खर्च नहीं करती थी। पुलिस ने सरकारी राशि के गबन तक ही अपनी जांच की सिमटा कर रखी हुई है। यह बात सही है कि आसरा शेल्टर होम में सरकारी राशि का सही से इस्तेमाल नहीं होता। मगर देखने वाली बात यह भी है कि इसकी देख रेख की जिम्मेदारी संबंधित विभाग के पदाधिकारियों की थी। पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण ही मनीषा दयाल ने सरकारी राशि का गलत इस्तेमाल किया। पुलिस ने अभी तक संबंधित पदाधिकारियों से पूछताछ नहीं किया है। इन अधिकारियों से पूछताछ में बहुत कुछ निकलकर सामने आएगा।