राजगीर में चल रहा मलमास मेला इस बार नया रिकार्ड बना रहा है। उम्मीद है कि इस बार मलमास मेले में पहली बार श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आंकड़ा एक करोड़ को छू सकता है। इस बार शुरुआती दस दिनों में 62 लाख से अधिक श्रद्धालु मेला परिसर में आ चुके हैं। अभी दो सप्ताह से अधिक मेला और चलेगा।
मलमास मेला तीन साल के अंतराल पर लगता है। पर्यटन निदेशालय के अनुसार, पिछले मलमास मेले के दौरान अनुमानित 70-80 लाख श्रद्धालु आए थे। ऐसे में इस बार नया रिकार्ड बनना तय माना जा रहा है। विभागीय जानकारी के अनुसार, 28 जुलाई तक मलमास मेले में करीब 62 लाख 55 हजार श्रद्धालु आ चुके हैं। इनमें शुक्रवार को सिर्फ 13 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे।

पिछले दस दिनों में मेला आने वाले करीब 21 लाख 30 हजार श्रद्धालुओं ने राजगीर के विभिन्न कुंडों में स्नान किया है। सिर्फ शुक्रवार को कुंड स्नान करने वालों की संख्या करीब साढ़े पांच लाख रही। मेले में आने वाली भीड़ को देखते हुए विधि-व्यवस्था एवं ट्रैफिक नियंत्रण के लिए 48 ट्रैफिक पोस्ट का निर्माण कराया गया है। मेल परिसर में सुरक्षा को लेकर 27 ड्राप गेट, 16 वाच टावर, आठ पार्किग आदि बनाए गए हैं। जगह-जगह कंट्रोल रूम और पर्यटक सूचना केंद्र भी बनाए गए हैं।
इस बार चार शाही स्नान मलमास मेला 18 जुलाई से शुरू होकर 16 अगस्त तक चलेगा। इस बार मेले में चार शाही स्नान होंगे। पहला शाही स्नान 29 जुलाई को हुआ। वहीं दूसरा शाही स्नान एक अगस्त, तीसरा 12 अगस्त और चौथा शाही स्नान 16 अगस्त को होगा। विभाग के अनुसार, इस बार पवित्र सावन मास के दौरान मलमास मेला लगने और राजगीर में विकसित किए गए नए पर्यटन केंद्रों के कारण भीड़ अधिक हो रही है।
पर्यटन विभाग ने मलमास मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के रहने के लिए जर्मन हैंगर विधि से चार जगह टेंट सिटी बनाई है, जिसकी कुल क्षमता पांच हजार है। इसके अलावा नालंदा जिला प्रशासन के द्वारा जगह-जगह वाटरप्रूफ पंडाल भी बनाए गए हैं। सभी टेंट सिटी और पंडालों के में चेंजिंग रूम, बाथरूम के साथ पेयजल, हेल्थ कैंप आदि की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।