मजदूर का साया बना पिस्टलधारी पुलिस जवान, घर पर गार्ड, ईंट भट्ठा पर सुरक्षाकर्मी तैनात

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ईंट भट्ठे पर काम करने वाले संतोष नाम के मजदूर की सुरक्षा के लिए पिस्टलधारी पुलिसकर्मी तैनात है। अब संतोष मजूदरी के दौरान सिर पर जैसे ही ईंट उठाकर भट्ठे पर लेकर जाएंगे, सुरक्षाकर्मी भी उनके पीछे-पीछे चलेगा। मामला जगदीशपुर थाना क्षेत्र के भवानीपुर का है। यहां नरेश दास के परिवार को पुलिस सुरक्षा मिली है, एक पुलिसकर्मी नरेश दास के 24 वर्षीय पुत्र संतोष के साथ साए की तरह चलता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नरेश के स्वजनों को जान का खतरा है।

नरेश के मुताबिक, वह मछली बेचकर किसी तरह अपने स्वजनों के लिए दो वक्त की रोटी जुटाते थे। सभी खुश थे, लेकिन उनकी इस खुशी पर तब ग्रहण लग गया, जब 2016 में गांव के ही कुछ लोगों ने उनकी पत्नी पर डायन का आरोप लगाते हुए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उन्होंने इसका विरोध किया तो गांव के सरपंच और मुखिया ने पंचायती की, जिसमें उनकी पत्नी के साथ मारपीट की गई। भरी सभा में ऐसी घटना के बाद पीड़ित परिवार ने तत्कालीन सरपंच, मुखिया समेत कुछ अन्य लोगों को नामजद करते हुए अनुसूचित जाति का केस दर्ज कराया।

पीड़ित परिवार के मुताबिक, आरोपितों ने केस उठाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए। कभी रंगदारी मांगी गई, तो कभी मारपीट करने का आरोप लगाते हुए आरोपितों ने अपने धन बल के प्रभाव के दम पर जेल तक भिजवा दिया। इस बीच पीड़िता मंजूला देवी अपने पति नरेश दास और पुत्र संतोष के साथ स्थानीय पुलिस प्रशासन और तमाम अधिकारियों के पास न्याय की गुहार लगाते रहे।

इस दौरान मई 2022 में नरेश के नौ वर्षीय पुत्र अखिलेश की निर्मम हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड के बाद मंजूला देवी ने तत्कालीन सरपंच, मुखिया सहित अन्य चार लोगों को नामजद करते हुए केस दर्ज कराया। केस दर्ज होने के बाद अपराधियों ने पुनः केस नहीं उठाने पर सभी की हत्या की धमकी दे डाली।

दूसरी बार हत्या की धमकी मिलने पर पीड़ित परिवार न्यायालय की शरण में पहुंचे, जहां से उन्हे एक अंगरक्षक दिया गया। वहीं, थाने से भी एक चौकीदार को प्रतिनियुक्त किया गया जो 24 घंटा पीड़ित परिवार की सुरक्षा करेगा। पीड़िता के पुत्र संतोष ने बताया कि वे चार भाई और दो बहन है। दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। मृतक भाई सभी से छोटा था। घटना से पहले पूर्णियां स्थित एक ईंट भट्टे में मजदूरी करता था, लेकिन भाई की हत्या होने और अपराधियों के द्वारा जान से मारने की धमकी देने के बाद डरे सहमे घर में ही रहता हूं।

संतोष ने बताया कि सभी नामजद आरोपितों में सिर्फ एक की गिरफ्तारी हुई है। शेष पांच अपराधी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। अगस्त 2022 में भी सुरक्षा गार्ड मिला था, जो फिर वापस हो गया था। फिर से न्यायालय में गुहार लगाने के बाद अब सुरक्षा गार्ड के साथ एक चौकीदार मिला है।

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