गायघाट महिला आश्रय गृह मामले में पटना पुलिस की भूमिका पर शुरू से सवाल उठते रहे। सरकार और पुलिस दोनों स्तर से इस मामले में शुरुआत में उतनी गंभीरता नहीं दिखाई गई। मामला पटना हाई कोर्ट तक पहुंचने के बाद पुलिस थोड़ी सक्रिय हुई। नतीजा यह हुआ कि आश्रय गृह की जिस अधीक्षक को बिना जांच के ही क्लीन चिट दी जा रही थी, वे अब जेल में हैं। लेकिन, हाई कोर्ट पुलिस के रवैये से अब भी संतुष्ट नहीं है।
दो सप्ताह के अंदर नए बिंदुओं पर अनुसंधान को कहा
पटना हाई कोर्ट ने गाय घाट स्थित आफ्टर केअर होम के मामले पर सुनवाई करते हुए पुलिस द्वारा किए गए अनुसंधान पर गहरा असंतोष जताते हुए पुलिस को दो सप्ताह के भीतर नए माप दंडों के अनुरूप अनुसंधान प्रक्रिया निर्धारित करने केे लिए कहा है। ताकि असली गुनहगार पकड़े जा सकें।
कानून के हाथ लंबे, ऐसा लगता नहीं है
न्यायाधीश आशुतोष कुमार एवं न्यायाधीश नवनीत कुमार पांडेय की खंडपीठ ने पुलिस की जांच रिपोर्ट से असहमति व्यक्त करते हुए नए आयामों पर विचार करने के लिए कहा है। खंडपीठ ने पुलिस की जांच पर नाराजगी जताते हुए कहा ऐसा नहीं लगता कि कानून के हाथ लंबे हैं। अदालत ने आफ्टर केयर होम में लगे सीसीटीवी फुटेज की फारेंसिक जांच कराने के पर भी ज़ोर दिया।