बिहार के लिच्छिवी वंश में जन्में थे भगवान महावीर, रविवार को धूमधाम से मनाई जाएगी जयंती

कही-सुनी

रविवार को विश्व को शांति का संदेश देने वाले भगवान महावीर की जयंती धूमधाम के साथ मनायी जाएगी।

मानव समाज को अन्धकार से प्रकाश की ओर लाने वाले महापुरुष श्री महावीर स्वामी का जन्म ईसा से 599 वर्ष बिहार में लिच्छिवी वंश के महाराज श्री सिद्धार्थ और माता त्रिशिला रानी देवी के यहां हुआ था। हिन्दू और जैन पंचांग के अनुसार जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर श्री महावीर स्वामी के जन्म-दिवस के अवसर पर चैत्र महीने की शुक्ल-त्रयोदशी के दिन महावीर जयंती मनाई जाती है।

इस मौके पर आयोजित होने वाले धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी को लेकर जैन समाज के लोगों में विशेष उत्साह है। जैन समाज की दुकाने रविवार को बंद रहेंगी। रमना और बहुआर चौराहा स्थित जैन मंदिरों को रंग-बिरंगे बल्बों और फूलों से सजाया गया है। जयंती पर महावीर की आराधना सहित कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

जयंती की सुबह रमना जैन मंदिर से भव्य शोभा यात्रा निकलेगी जो शहर के अलग-अलग मार्गों से होते हुए वापस मंदिर लौट जाएगी। is शोभा यात्रा में जैन समाज की लाल साड़ी पहनें महिलाएं और सफेद या केसरिया धारण किये पुरुष शामिल होंगे।

महावीर जयंती के अवसर पर महावीर नवयुवक संघ ने धूमधाम से मनाने की पूरी तैयारी कर ली है। संघ क सभी सदस्य रक्तदान करेंगे तथा सरकारी अस्पतालों में मरीजों के बीच फल का वितरण करेंगे। टावर चौक के पास भंडारे के आयोजन के बाद शाम में मंदिर में महाआरती होगी और जैन समाज के बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।

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