ऐतिहासिक महात्मा गांधी सेतु को तोड़ने के लिए देशभर से बुलाये गए इंजीनियर, पूरी हुई तयारी

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हाजीपुर से पटना को जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु के सुपर स्ट्रक्चर को काटने के लिए इफ्कॉन कंपनी ने पूरी तैयारी कर ली हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से इंजीनियर और 220 कर्मी कार्य स्थल पर पहुंच चुके हैं जिन्हें अभी किराये के क्वार्टरों में ठहराया गया है।

इफ्कॉन कंपनी के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार महीनों चलने वाले इस प्रोजेक्ट के दौरान इन कर्मियों के स्थायी ठहराव के लिए हाजीपुर की तरफ एक विशेष कैंप बनाया जा रहा है। साथ ही ये भी कहा कि सुपर स्ट्रक्चर को काटने के लिए पूरी टीम तैयार है। जर्मनी में बने दो क्रॉसर मशीन, डायमंड कटर सहित अन्य अत्याधुनिक उपकरण कार्यस्थल पर पहुंच गए हैं। अब बस गांधी सेतु पर छोटे वाहनों का परिचालन रुकने तथा सरकारी अनुमति मिलने का इंतजार है।

पीपा पुल से छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू होने के बाद गांधी सेतु को काटने का काम शुरू हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक हाजीपुर की ओर एक विशेष कैंप में अभियंताओं एवं कर्मियों के लिए सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। बिजली के लिए 1330 केवीए लाइन के कनेक्शन के साथ दो पवरफुल जेनरेटर की व्यवस्था की गई है।इंजीनियर और 220 कर्मी कार्य स्थल पर पहुंच चुके हैं।

गायघाट टू हाजीपुर का पीपा पुल आठ दिनों तक रौशन रहने के बाद फिर से अंधेरे में डूबा है। ट्रैफिक एसपी पी के दास ने बताया कि पीपा पुल के लिए स्थायी रूप से रौशनी की व्यवस्था होने के बाद ही रात में इस पर छोटे वाहनों का परिचालन शुरू होगा।

शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक के लिए पीपा पुल से गायघाट टू हाजीपुर तक छोटे वाहनों के परिचालन का ट्रायल करने के उद्देश्य से पांच दिनों तक लाइट लगाई थी। हालाँकि लाइट पांच दिनों के बजाये आड़ दिनों तक लगी रही। अवधि समाप्त होने के बाद लाइट हटा ली गई और ट्रायल भी नहीं हो सका। राज्य सरकार के निर्देश पर पटना एवं वैशाली जिला प्रशासन को आपसी तालमेल से रात में भी पीपा पुल पर वाहनों का परिचालन शुरू करना है।

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