मधुबनी स्टेशन को मिथिला के रंग में रंगने की शुरुआत मंडल रेल प्रबंधक ने किया तो मिथिला पेंटिंग से जुड़े कलाकारों ने इसे आयाम देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। मिथिला पेंटिंग के संग कार्यक्रम के तहत लगभग दो सौ कलाकारों में 152 महिला कलाकार व 41 पुरुष शामिल हुए। देखते-ही-देखते 11 सौ स्कावयर फुट में फैले मधुबनी रेलवे स्टेशन का कोना-कोना मिथिला पेंटिंग से पट गया।
लेकिन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करने से मधुबनी स्टेशन चूक गया। श्रमदान के बदौलत 7005 स्क्वायर फीट में मधुबनी पेंटिंग बनकर तैयार है, लेकिन रेलवे अधिकारियों की लापरवाही के कारण मधुबनी के 182 कलाकारों को मायूसी हाथ लगी।
ये कलाकार भारत के एक गंदे स्टेशन को सबसे स्वच्छ बनाने के लिए दिन-रात एक कर इतने बड़े क्षेत्र में पेंटिंग तैयार की जो गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉड की तुलना में काफी ज्यादा है। रेलवे अधिकारियों ने महज कुछ रूपये बचाने के लिए गिनीज बुक के लिए इस कार्यक्रम का रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया।
मधुबनी स्टेशन पर 7005 स्क्वायर फीट में पेंटिंग बनकर तैयार हो गया है, अब जाकर अधिकारी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरु करने की बात कर रहे हैं। गौरतलब है कि अब तक का रिकार्डेड 4566.1 स्क्वायर फीट में यह पेंटिंग बनाया गया है। सबसे अधिक क्षेत्र में बने पेंटिंग के कारण इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराना था।
गौरतलब है कि दो अक्टूबर को शुरु हुए मधुबनी पेंटिंग कार्यक्रम का शनिवार को भव्य समापन किया गया। श्रमदान के बदौलत आयोजित इस कार्यक्रम में 182 कालाकारों ने मधुबनी स्टेशन के 7005 स्क्वायर फीट जगह में मधुबनी पेंटिंग बनाया। इस समापन कार्यक्रम में रेलवे के डीआरएम, स्पेशल डीआरएम के अलावे कई पदाधिकारी मौजूद थे।