मधुबनी जिले के दुल्लीपट्टी गांव निवासी डॉ. वीरेन्द्र झा को उनकी पुस्तक मैथिली बालकथा संग्रह ‘उड़न-छू’ के लिए साहित्य अकादमी ने बाल साहित्य पुरस्कार देने की घोषणा की है। इस आशय की जानकारी अकादमी के सचिव के श्रीनिवास राव और अकादमी में मैथिली भाषा के प्रतिनिधि डॉ. अशोक अविचल ने दी है।
वकील के रूप में चर्चित डॉ. वीरेन्द्र झा मधुबनी व जयनगर कोर्ट में वकालत करते हैं। उनकी अब तक 20 पुस्तकें प्रकाशित हैं, जिनमें पांच पुस्तकें बाल साहित्य की हैं। ‘उड़न-छू’ पुस्तक में बच्चों को परम्परा के प्रति साकांक्ष व प्रगतिशीलता के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने से संदर्भित कहानियां हैं। सहज-सरल भाषा में लिखी इन कहानियों में बच्चों को भाषा, प्रकृति, पशु-पक्षी आदि के प्रति जिम्मेदार होने की शिक्षा दी गयी है। शिक्षा एवं वैज्ञानिक चेतना इन कहानियों के मूल में है।
डॉ झा के तीन बाल उपन्यास और एक बाल नाटक भी प्रकाशित हैं, जबकि कई अन्य प्रकाशनाधीन हैं। 400 से अधिक कहानियां लिखने वाले डॉ. झा के चार कथा संग्रह सहित तीन आख्यानपरक उपन्यास भी प्रकाशित हैं। अपने गांव दुल्लीपट्टी और जयनगर का इतिहास लिखने का श्रेय भी इनको जाता है। पुरस्कार मिलने पर कई साहित्यकारों ने डॉ. झा को बधाई देने वालों में युवा साहित्यकार अजित आज़ाद, आनन्द मोहन झा, रेवती रमण झा, डॉ. बिभा कुमारी, लंबोदर झा, रामेश्वर निशांत, उदय जायसवाल, दिलीप कुमार झा, ज्योति रमण बाबा, चंडेश्वर खां, अंशुमान सत्यकेतु, डॉ. अरविन्द कुमार सिंह झा आदि शामिल हैं।