मुसलमानों की बड़ी संस्था इमारत-ए-शरिया जल्दी ही पांच सीबीएसई स्कूल और एक बड़ा अस्पताल भी खोलेगी। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में असर रखने वाली यह संस्था सामाजिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य सेवाओं पर इस साल 10 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसका जिक्र वर्ष 2023 के बजट में किया गया है।
मदरसों की शिक्षा में होगा बदलाव
इमारत-ए-शरिया ने वर्ष 2023 का बजट पेश किया। वर्ष 2023 में इमारत-ए-शरिया पांच सीबीएसई स्कूल एवं जमशेदपुर में एक अस्पताल खोलेगी। इसके साथ ही इमारत-ए-शरिया समाज में फैले नफरत को खत्म करने और लोगों को शिक्षित करने की मुहिम चलाएगी। मदरसा के बुनियादी ढांचा में बदलाव कर हर मदरसे में दीन शिक्षा के साथ-साथ सामान्य शिक्षा को भी चलाने का प्रयास एवं जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
पहली बार झारखंड में हुई बजट बैठक
इमारत-ए-शरिया बिहार, झारखंड, ओडिशा व बंगाल की बजट बैठक पहली बार झारखंड में संपन्न हुई। वर्ष 2023 का बजट संस्थान के कोषाध्यक्ष मौलाना इम्तयाज अहमद ने पेश किया। बैठक के पहले इमारत ए अमीर ए शरीयत अध्यक्ष् हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी का संबोधन हुआ।
नफरत खत्म करने पर जोर
उन्होंने देश में फैल रहे नफरत को खत्म करने पर विशष बल दिया। उन्होंने कहा कि इमारत-ए-शरिया देश भर में सभी धर्म, जाति, मजहब के लोगों के हीत का कार्य करता है और आगे भी करेगा। हम मानवता को आधार बना कर लोगों की मदद करते हैं और आगे हमारा प्रयास देश में फैले नफरत को सामाजिक स्तर से खत्म कर देश की अखंडता एकता को बनाये रखने का होगा।
अस्पताल में कम खर्च पर होगा इलाज 
इसके लिए इमारत-ए-शरिया युवाओं को सामाजिक प्रेम का पाठ पढ़ाएगा। धर्म-जाति के नाम पर दंगा फसाद करने वाले का सामाजिक बहिष्कार करेंगे। साथ ही शिक्षा ग्रहण करने के लिए विशेष मुहिम चला कर लोगों को कहा जाएगा कि वे अपने बच्चों को शिक्षित करें। साथ ही जमशेदपुर में एक अस्पताल का निर्माण किया जाएगा, जहां कम खर्च पर लोगों का इलाज होगा। संस्था की ओर से पांच नए सीबीएसई स्कूल खोले जाएंगे, वृद्धा पेंशन के रूप में 600 रुपये प्रति माह, विधवा और वृद्धों के बीच 75 लाख रुपये बांटे जाएंगे।
इस्लामिक अदालतों पर खर्च होंगे 50 लाख रुपए
इस्लामिक अदालतों पर 50 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं निर्माण में 53 लाख रुपये जिसमें फुलवारीशरीफ में इमारत द्वारा संचालित अस्पताल का आधुनिकीकरण होगा, गरीब लड़कियों की शादी एवं गरीब के इलाज पर 15 लाख रुपये खर्च करने का लक्ष्य तय किया गया है। बैठक में नायब अमीर ए शरियात मौलाना शमसाद रहमानी कासमी, नाजिम शिब्ली कासमी, मुफ्ति सुहैल अहमद, मौलाना सनाउलहोदा कासमी सहित बिहार, झारखंड, उड़ीसा और बंगाल के उलेमा दीन शामिल हुए।