बिहार के अरवल जिले के परासी कांड में आग से झुलसी सात वर्षीय बच्ची की रविवार की रात पीएमसीएच में मौत हो गई। सात दिनों तक वह अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ती रही। देर रात आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। उसकी मां की मौत घटना की रात 29 नवंबर को ही पीएमसीएच में हो गई थी। गांव के ही वहशी दरिंदे ने महिला के घर में पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी। दरिंदे ने यह क्रूरता दुष्कर्म का विरोध करने पर की थी। आग लगाकर महिला के घर का दरवाजा बाहर से लाक कर दिया था। मां-बेटी जान बचाने के लिए बाहर नहीं निकल सकी।
मां-बेटी की चीख-पुकार सुनकर गांव वाले जब तक जुटे, तब तक दोनों आग में काफी झुलस चुकी थी। आग के बीच से मां-बेटी को निकालकर सदर अस्पताल अरवल ले जाया गया, जहां से दोनों को पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। पीएमसीएच में घटना की रात ही महिला की मौत हो गई। बच्ची भी 80 प्रतिशत जल चुकी थी। रविवार को इलाज के सातवें दिन उसने भी दम तोड़ दिया।
गांव के युवक ने ही घर में लगाई आग
महिला का पति घटना से पांच दिन पहले ही आठ लीटर शराब के साथ पकड़ा गया था, जो जेल में है। गांव के ही गोपी महतो का बेटा नंद कुमार महतो उसकी पत्नी पर हमेशा बुरी नजर रखता था। अंजित के जेल जाते ही उसे मौका मिल गया। नंद कुमार पर आरोप है कि हर रात वह उसके घर आ धमकता था। महिला के विरोध के बाद लौट जाता था। घटना की रात भी नंद कुमार महतो दुष्कर्म की नीयत से महिला के घर शराब के नशे में धुत होकर दाखिल हुआ था। महिला के कड़े विरोध के बाद जब वह दुष्कर्म के प्रयास में नाकाम हो गया, तो पेट्रोल छिड़ककर उसने घर में आग लगा दी। पुलिस ने नंद कुमार महतो को गिरफ्तार कर लिया है।