प्रदेश में स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा में सुधार के लिए एमडी और एमएस करने वाले पीजी छात्रों के लिए नए नियम बने हैं। जिन्हें इस वर्ष से राज्य में प्रभावी किया गया है।
नए नियमों के मुताबिक, छात्रों को अनिवार्य रूप से कम से कम तीन महीनों के लिए अपनी सेवाएं जिला अस्पताल या जिला स्वास्थ्य प्रणाली में देनी होंगी।

इन संस्थानों में दे सकेंगे सेवाएं
जिला रेजिडेंसी कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के पोस्ट ग्रेजुएट छात्र 100 बेड के जिला अस्पतालों के अलावा होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर, लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल, राजवंशी नगर पटना, राजेंद्र नगर सुपरस्पेशलिटी नेत्र अस्पताल, पटना और इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान पटना में अपनी सेवाएं देंगे।
स्वास्थ्य विभाग ने इस कार्यक्रम को संचालन और सुविधा प्रदान करने के लिए अपर मुख्य सचिव (एसीएस) की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसमें अध्यक्ष के अलावा सचिव, विशेष सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव सदस्य होंगे।
मेडिकल कॉलेजों में 1016 जूनियर रेजीडेंट की तैनाती
प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नेशनल मेडिकल कमीशन के मानकों को पूरा करने के लिए 1016 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की तैनाती की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इन डॉक्टरों को 14 दिनों के अंदर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं।
जूनियर रेजीडेंट्स को विभागवार एक साल के अवधि आधारित पद पर तैनात किया गया है। ये डॉक्टर मेडिकल कॉलेजों में ओपीडी, इनडोर, इमरजेंसी और ऑपरेशन थियेटर में अपनी सेवाएं देंगे। इन्हें मानदेय के रूप में 65 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। पदभार ग्रहण करने के बाद यदि ये डॉक्टर 15 दिनों से अधिक समय तक अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहेंगे तो इनकी सेवा समाप्त कर दी जाएंगी।