गीत और संगीत के बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल है। हमारी ज़िन्दगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं ये गीत। हर परिस्थिति और भावना को दर्शाते हुए गीत हर भाषा में हैं। पर किसी भी गीत को तैयार करने में जितनी महत्वपूर्ण भूमिका एक संगीतकार और गाययक की होती है, उतनी ही एक गीतकार की अहम् भूमिका होती है।
लेकिन अक्सर हम किसी भी गाने का पूरा श्रेय एक गायक को दे जाते हैं और भूल जाते हैं उस गीतकार को जो अपने शब्दों और भावों से गीत को हमारे दिलो-दिमाग पर छा जाते हैं।
आज हम बिहार की एक ऐसी ही गीतकार से परिचय कराने जा रहे जिनके शब्दों ने गीत बनकर आप सभी को कभी न कभी मदहोश जरूर किया है। हम बात कर रहे हैं बिहार के लखीसराय जिले के सूरजगढ़ के जगदीशपुर गाँव की रहने वाली मिनाक्षी भारद्वाज की जिन्होंने कई हिंदी और भोजपुरी गांव को अपने शब्दों से पिरोया है।