एससीसी (हिपैटो सेलुलर कार्सिनोमा) लिवर कैंसर से पीड़ित खगड़िया के बुजुर्ग को सर्जरी कर आइजीआइएमएस के डाक्टरों ने जीवनदान दिया।
आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक सह उप निदेशक डा. मनीष मंडल ने बताया कि हिपैटो सेलुलर कार्सिनोमा एक लिवर कैंसर है, जो बायां या दायां भाग में होता है।
यदि मरीज के किसी एक भाग में यह बीमारी रहे तो उसे सर्जरी कर ठीक किया जाता है। संस्थान में यह सातवां सफल आफरेशन हुआ।
इसमें लिवर का लगभग 30 प्रतिशत भाग को काटकर हटाया गया। यह लगभग डेढ़ किलोग्राम था। मरीज के सीटी वैल्यूमेट्री जांच के आधार पर लिवर काटने का निर्णय हुआ।
वर्तमान में देश के चुनिंदा अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध है। डा. मंडल ने बताया कि लिवर में गांठ-कैंसर के मरीजों की संख्या बिहार में लगातार बढ़ रही है।
इन मरीजों में सिर्फ गैस की शिकायत रहती है और साथ में वजन घटना शुरू हो जाता है। इसलिए मरीज को समझ में नहीं आता है कि वे लिवर कैंसर से पीड़ित हो सकते हैं।
गैस की बीमारी आम है, ऐसे में अल्ट्रासाउंड के माध्यम से लिवर की जरूर जांच करानी चाहिए। मरीज का मुख्यमंत्री अनुदान योजना से मुफ्त में ऑपरेशन हुआ।
जबकि यहां महज 50 हजार रुपये में उपचार की सुविधा उपलब्ध है। निजी अस्पतालों में इसके दो से ढाई लाख रुपये खर्च होते हैं।
पांच माह से दर्द व सूजन की थी शिकायत
गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के डा. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि खगड़िया निवासी संजय कुमार सिंह बीते पांच महीनों से पेट दर्द व सूजन की शिकायत लेकर, निजी अस्पताल में उपचार करा रहे थे, लेकिन आराम नहीं मिला।
इसके बाद आइजीआइएमएस की ओपीडी में दिखाया। इसमें लिवर कैंसर होने की जानकारी हुई। इसके बाद कुसा मशीन से लिवर का बायां हिस्सा काटकर हटाया गया।
करीब सात घंटे हुए ऑपरेशन में डा. विनोद कुमार, डा. मुमताज, डा. ज्ञान पूजा, सिस्टर रीना आदि ने मदद किया। मरीज अब बेहतर है, एक-दो दिनों में छुट्टी दे दी जाएगी। सफल ऑपरेशन पर निदेशक डा. बिंदे ने पूरी टीम को बधाई दी है।