पितृपक्ष मेला महासंगम में लाखों की संख्या में तीर्थयात्री विभिन्न सरोवरों में पितरों को तर्पण करने पहुंचे। चूंकि गयाजी डैम बनने से सीताकुंड तरफ एवं देवघाट की ओर लबालब 10 फीट से अधिक पानी नदी में है।
लगातार बारिश के बाद बढ़ा जलस्तर
इसके अलावा पिछले दो दिनों से झमाझम बारिश के कारण भी झारखंड की ओर से फल्गु में लगातार पानी आ रहा है। इसके अलावा सरोवर में गहरा पानी है, इसे ध्यान में रखते हुए जिला पदाधिकारी डा. त्यागराजन एसएम की पहल से तीर्थयात्रियों को फल्गु नदी एवं विभिन्न सरोवरों में तर्पण के दौरान सुरक्षित रखने के उद्देश्य से सभी महत्वपूर्ण सरोवरों में एसडीआरएफ की टीम, गोताखोर तथा नाव को उपलब्ध कराया गया है।
इसका मकसद विपरीत परिस्थिति में तुरंत कार्रवाई करते हुए यदि कोई व्यक्ति नदी व सरोवर में गिरते हैं तो उनकी जान बचना है। रविवार की दोपहर दो बजे सीताकुंड में 70 वर्षीय रामचंद्र सैनी, जो राजस्थान जयपुर के रामगढ़ सुलपरो के रहने वाले हैं, वे सीताकुंड में तर्पण के दौरान नदी में गिर गए।
वहां नाव के साथ डयूटी पर तैनात आपदा विभाग के पदाधिकारी अमित राजन, एसडीआरएफ की टीम बलिराम प्रसाद, विनोद कुमार सिंह, अवधेश कुमार,राजू कुमार, हरेंद्र कुमार, मुन्ना कुमार, राजकरण कुमार एवं महेश कुमार मौजूद थे।
नदी में गिरने के बाद गोताखोर ने छलांग लगाकर पिंडदानी को निकाला
उसी बीच गोताखोर ने छलांग लगाकर उस यात्री को निकाला। नियंत्रण कक्ष सीताकुंड में रखकर मेडिकल सहायता किया गया। उसके बाद प्राथमिक उपचार के पश्चात एम्बुलेंस से अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया। उस बुजुर्ग यात्री को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया।
उपचार होने के बाद वह होश में आ गए। पूछताछ के बाद पता चला कि वह पिंडदान कर रहे थे। जिला प्रशासन ने आए तीर्थ यात्रियों तथा जिलावासियों से अपील किया कि विभिन्न घाटों एवं नदी पर बिना कारण भीड़ ना लगाएं। सभी सरोवरों एवं नदी में गहरा पानी है, छोटे बच्चे को सरोवर से दूर रखें।